लखनऊ, एक समाचार समूह द्वारा लखनऊ मे आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जातिवादी पत्रकारिता को मुंहतोड़ जवाब देकर यह साबित कर दिया कि वह किसी की भी गलती को बख्शने मे विश्वास नही रखतें हैं चाहे वह कितना ही प्रभावी क्यों न हो। समाचार पत्र दैनिक जागरण द्वारा लखनऊ मे “बढेगा प्रदेश तो बनेगा देश” कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें दैनिक जागरण के सम्पादक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से प्रदेश के विकास पर बातचीत कर रहे थे। प्रश्न पूछते-पूछते सम्पादक, मुख्यमंत्री से बेतुका सा सवाल पूछ बैठे की उत्तर प्रदेश की पुलिस में कितने यादव हैं? मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी क्षण भर की देरी न करते हुये दैनिक जागरण के सम्पादक से पूछा कि यह बताइये कि दैनिक जागरण में कितने यादव पत्रकार हैं? मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का सवाल सुनते ही सम्पादक महोदय को जैसे सांप सूंघ गया हो। सम्पादक को निरुत्तर देख मुख्यमंत्री ने सम्पादक महोदय को पत्रकारिता का पाठ पढ़ाते हुये कहा कि सवाल यह पूछो कि प्रदेश में कितने यादव आईएएस और आईपीएस हैं? तब जाकर सम्पादक महोदय को चेतना आयी। यह घटना जातिवादी पत्रकारिता के इतिहास मे हमेशा याद रखी जायेंगी।
कार्यक्रम मे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी वर्गों को बिना किसी भेद-भाव के राहत और आगे बढ़ने का अवसर मुहैया कराने का काम भी किया है। सरकार के ऊपर आरोप लगते हैं कि थानों का यादवीकरण किया गया है। लेकिन वो चुनौती देते हैं कि आरोप लगाने वाले लोग अपने आरोपों की पुिष्ट करें। सरकार बिना किसी विभेद के साथ अपराधों पर लगाम लगा रही है। सस्ती लोकप्रियता के लिए ओछे आरोपों से विपक्ष को बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुद्दाविहीन विपक्ष को केवल एक कानून व्यवस्था का मुद्दा दिखाई देता है। लेकिन हकीकत आम जनता के सामने हैं। सरकार की उपलब्धियों को आंकड़ों के साथ-साथ जमीन पर भी प्रत्यक्ष देखा जा सकता है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा प्रदेश का विकास ही उनकी सरकार का मूल लक्ष्य है। वो आलोचनाओं की परवाह किए बगैर प्रदेश के विकास के लिए कृतसंकल्प है। मुख्यमंत्री ने विकास, रोजगार से लेकर कानून व्यवस्था के बारे में सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि सरकार के विकास कार्यों से विपक्ष बौखला चुकी है। लिहाजा वो आरोप लगाने के अलावा और क्या कर सकती है।