वर्कला ,केरल – कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि देश में जाति के आधार पर अब भी भेदभाव होना दु:ख की बात है। उन्होंने कहा कि दु:ख की बात है कि जाति आधारित भेदभाव अब भी होता है और हमें इस क्षेत्र में अब भी बहुत काम करने की आवश्यकता है। हम सभी को देश में सभी प्रकार के भेदभाव को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए काम करना चाहिए। इसे समाप्त करना हमारे हाथ में है।
उन्होंने शिवगिरि मठ की 83वीं वार्षिक तीर्थयात्रा के उद्घाटन के दौरान अपने संबोधित में कहा कि पूर्वाग्रह, कट्टरता और हमारे विविध समाज को बांटकर राजनीतिक शक्ति हासिल करने का इरादा रखने वाले लोगों और साम्प्रदायिक विचारधाराओं ने श्री नारायण गुरु की विरासत को कब्जाने की कोशिश की है और मेरा मानना है कि नारायण गुरु से साथ इससे बड़ा धोखा और कोई नहीं हो सकता।सोनिया ने कहा कि गुरू ने सामाजिक सुधार एवं सामाजिक एकता के एक प्रमुख प्रतीक के रूप में शिवगिरि मठ की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि नारायण गुरू ने समानता, स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय की जो शिक्षा दी थी वह ‘आज भी अत्यंत प्रासंगिक है। बल्कि मैं यह कहूंगी कि वह आज ज्यादा प्रासंगिक है।
सोनिया ने कहा कि नारायण गुरु सभी धर्मों का सम्मान करने में विश्वास रखते थे और उन्होंने अपने अनुयायियों को भी सभी धर्मों का सम्मान करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1924 में एर्नाकुलम के अलुवा में एक जनसमूह में उन्होंने ‘धार्मिक संघर्ष से दूर रहने और सार्वभौमिक शांति, सौहार्द्र और सभी धर्मों की समृद्धि को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर’ बल दिया था। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता और समानता समाज सुधारक श्री नारायण गुरु के उपदेश हैं जो पहले की अपेक्षा आज कहीं अधिक प्रासंगिक हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भाजपा पर परोक्ष हमला बोलते हुए बुधवार को कहा कि ‘साम्प्रदायिक विचारधाराएं और व्यक्ति’ राजनीतिक हित साधने के लिए प्रख्यात सामाजिक सुधारक श्री नारायण गुरु की विरासत पर ‘कब्जा’ करने की कोशिश कर रहे हैं।सोनिया ने कहा कि गुरु की शिक्षाओं को साम्प्रदायिक बनाने की कोशिश की जा रही है और यह उनके साथ ‘धोखा’ है।
केरल में श्री नारायण धर्म परिपालना योगम (एसएनडीपी) के भाजपा के साथ जुड़ने की पृष्ठभूमि में सोनिया का यह बयान महत्वपूर्ण है। केरल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और एसएनडीपी पिछड़े एझावा समुदाय का एक संगठन है। यह समुदाय संख्या की दृष्टि से मजबूत है। कांग्रेस प्रमुख से कुछ ही दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 दिसंबर को मठ आए थे।