जानिये क्या होंगे, विधानसभा चुनाव में मायावती के मुख्य चुनावी मुद्दे

लखनऊ , बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने वरिष्ठ पदाधिकारियों तथा 403 विधानसभा सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की आयोजित बैठक में चुनावी तैयारियों की समीक्षा की।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में आगामी फरवरी-मार्च में होने राज्य विधानसभा चुनाव में नोटबंदी, वायदा खिलाफी तथा कानून व्यवस्था मुख्य मुद्दे होंगे। सुश्री मायावती ने आज पार्टी उन्होने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की जनता से किये गये चुनावी वायदों को पूरा नही करना, केन्द्र सरकार के नोटबंदी के फैसले से हो रही जनता को तमाम परेशानियाें तथा कानून व्यवस्था मुख्य मुद्दों में शामिल किये जायेंगे।
उन्होने पदाधिकारियों तथा पार्टी उम्मीवारों को निर्देश दिये कि निर्वाचन आयोग द्वारा लागू चुनाव आचार संहिता को पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अक्षरशः पालन किया जाय। बसपा अनुशासित पार्टी है। चुनाव के दौरान भी अनुशासित होकर काम करना गरीबों व खासकर उपेक्षित वर्ग एवं लोकतंत्र के व्यापक हित में है।
बसपा अध्यक्ष ने निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नये चुनाव आचार संहिता के सम्बंध में जानकारी देते हुये कहा कि इसमें कई नई हिदायतों को शामिल किया गया है। इस बारे में ज़मीनी स्तर पर पार्टी के हर पदाधिकारी और कायर्कर्ता एवं पार्टी उम्मीदवारों को जानकारी होनी चाहिये ।
उन्होने कहा कि आचार संहिता का पालन कराना लोकतंत्र के व्यापक हित में है और इस कार्य में चुनाव अायोग को सहयोग करने की आवश्यकता है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसके निदेर्शों का अक्षरशः अनुपालन करने से गरीबों और कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों को भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने में आसानी होगी।
सुश्री मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी;भाजपाद्ध और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की जनता से तमाम वायदे किये थे लेकिन आजतक एक भी पूरा नही किया गया। केन्द्र सरकार का नोटबन्दी फैसला अत्यन्त पीड़ादायक और जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है। इसका खामियाजा भुगतने के डर से भाजपा के नेता तरह तरह की बयानबाजी व तमाम हथकंडे अपनाने का प्रयास कर रहे है।
बसपा अध्ययक्ष ने कहा कि संसद का बजट सत्र विधानसभा चुनाव के दौरान ही आहूत किये जाने का फैसला किया गया है ताकि बजट में कुछ लोक.लुभावन घोषणायें करके आमजनता को बहकाया जा सके। भाजपा के कारनामों से लोगों को बहुत सावधान रहने की ज़रूरत है।
उन्होने कहा कि समाजवादी पार्टी ;सपाद्ध के पारिवारिक कलह से प्रदेश की कानून व्यवस्था चौपट है। विकास कार्य नही हो रहे है। सपा उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी है उसके शाासन में जंगलराज और साम्प्रदायिक दंगे के कारण प्रदेश बदहाली के दाैर से गुजर रहा है। अब ऐसी सरकार से मुक्ति पाने का सही समय आ गया है। सपा के दोनों ही गुटों को मालूम है कि वे सत्ता में नहीं आने वाले हैं। यहाँ आक्सीजन पर चल रही कांग्रेस पार्टी से किसी भी प्रकार का समझौता करने पर आतुर है। इस बारे में भी आमजनता को जागरूक और सावधान करते रहने की जरूरत है।
सुश्री मायावती ने कहा कि सपा के दोनों गुटों में राजनीतिक व चुनावी मजबूरी के तहत अगर तोड़.फोड़ रूक जाती है तो भी इससे यहाँ की आमजनता का कोई भी भला होने वाला नहीं है।