नई दिल्ली, राजद प्रमुख लालू यादव ने सोशल मीडिया पर बिहार की नितीश सरकार पर तंज कसते हुये उसे “चूहा सरकार” तक कह डाला है. इसके लिये उनके पास एक वाजिब कारण भी है.
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अब तक लोगों को यह पता था कि बिहार में आने वाली बाढ़ का कारण नेपाल की बारिश और बिहार की भौगोलिक स्थिति है या फिर सरकार की लचर व्यवस्था के कारण हर साल बिहार में बाढ़ आ जाती है जिससे 19 जिलों के 1 करोड़ 71 लाख लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। पर नितीश सरकार के मंत्रियों का कहना है कि बिहार में आई भयानक बाढ़ के कारण चूहे हैं। क्योंकि नदी के तटबंधों को चुहे खोखला कर देते हैं। जिससे बाढ़ की पानी नहीं रुक पाता है। यह बयान बिहार के जल संसाधन मंत्री ललन सिंह दे रहे है।
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इस तरह की बात सिर्फ बिहार सरकार के मंत्री ललन सिंह ही नहीं बल्कि बिहार सरकार के कई मंत्री कह रहे है। आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री ने भी कहा कि चूहे के बजह से हर साल तटबंध टूटता है। सरकार चाहकर भी कुछ नहीं कर पाती क्योंकि चूहे और मच्छरों का इलाज संभव नहीं है।
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बिहार सरकार के दो काबिल मंत्रियों के इस बयान से ऐसा साबित हो रहा है कि अब चूहे के आगे इन लोगों ने घुटने टेक दिए हैं। बिहार सरकार के मंत्रियों के बयान पर सोशल मीडिया पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया आ रही है।
एक ने कहा कि अगर बिहार के चूहे इतने शक्तिशाली हैं तो उन्हें ही क्यों नहीं गद्दी पर बैठा दिया जाता है।
एक पोस्ट पर लिखा गया कि- मंत्री अपना नाक कान दोनों बचाए रखें नहीं तो बिहार के शराबी चूहे उन्हें भी काट कर ले जाएंगे।
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देखिये, इसी बयान पर राजद प्रमुख लालू यादव ने सोशल मीडिया पर क्या कहा-
बाढ़ की जवाबदेही चूहों की है नीतीश की थोड़े है। नीतीश नैतिकता के नशे मे मस्त और अंतरात्मा से वार्तालाप में व्यस्त है। कभी हज़ारों टन शराब चूहे पी जाते है, कभी बाढ़ चूहों के कारण आती है।
नीतीश ने चूहे को सरकारी बलि का बकरा बना दिया है। नीतीश यह तो बता, नदियों के तटबंध दो पैरों वाले चूहे खा गए या चार पैरों वाले? तटबंध निर्माण में हज़ारों हज़ार करोड़ रुपए एक ही जाति के engineer और ठेकेदार खा गए। क्या और लोग क़ाबिल नहीं?
जय हो “चूहा सरकार” की
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