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जानें, क्यों तीन मूर्ति मार्ग का नाम बदलकर तीन मूर्ति हाइफा हुआ

नयी दिल्ली,  ऐतिहासिक तीन मूर्ति चौक का नाम बदलकर इस्राइली शहर हैफा के नाम पर रखा गया गया है। सालभर पहले एनडीएमसी ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। इ्स्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू की निर्धारित भारत यात्रा के बाद यह घोषणा की गयी है।

पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस्राइल यात्रा के दौरान नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद  ने तीन मूर्ति मार्ग और चौक का नाम हैफा के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखा। अप्रैल में एक बैठक में एनडीएमसी के कुछ सदस्यों ने दावा किया कि यह प्रस्ताव पारित हो गया है लेकिन पर परिषद के अध्यक्ष नरेश कुमार ने बाद में घोषणा की थी कि यह मुद्दा टाल दिया गया।

परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके इस्राइली समकक्ष बेंजामिन नेतान्याहू स्मारक पर संयुक्त रुप से श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हैफा की लड़ाई के सौंवे साल में भारत और इ्स्राइल के बीच मित्रता के प्रतीक के तौर पर तीन मूर्ति चौक का नाम अब तीन मूर्ति हैफा चौक होगा।’’

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों ने हैफा को ऑटोमन साम्राज्य के कब्जे से मुक्त कराया था। 15 वीं इंपेरियल सर्विस कैवलरी ब्रिग्रेड के बहुत सारे भारतीय सैनिक इस शहर को आजाद कराने की लड़ाई में शहीद हुए थे और करीब 900 का इस्राइल में अंतिम संस्कार किया गया था। पिछले कुछ सालों में आरएसएस समेत कई संगठनों ने तीनमूर्ति चौक रोड और चौक का नाम बदलने की मांग की थी।