जापान की रक्षा प्रौद्योगिकी,भारत के बहुत काम की: रक्षा मंत्री, अरुण जेटली
May 9, 2017
टोक्यो/नई दिल्ली, रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत जापान के साथ अपने सैन्य सहयोग को मजबूत करना चाहता है और हथियारों तथा उपकरणों के घरेलू उत्पादन के लिए रक्षा प्रौद्योगिकी लेने में उसकी दिलचस्पी है। जेटली ने अपने जापानी समकक्ष तोमोमी इनादा से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि भारत और जापान के रक्षा बलों के बीच बेहद मजबूत संबंध है और दोनों राष्ट्र क्षेत्रीय शांति तथा स्थिरता के लिए अपनी रणनीतिक साझेदारी को बनाए रखेंगे। उन्होंने यहां कहा, प्रशिक्षण और नौसैन्य अभ्यास होंगे। दोनों देशों के बीच बहुत सारा सहयोग होगा। उन्होंने कहा कि रक्षा उपकरणों के घरेलू उत्पादन के लिए भारत की जापान से प्रौद्योगिकी लेने में दिलचस्पी है।
जेटली ने कहा, जापान के पास बहुत सारी रक्षा प्रौद्योगिकी हैं जो निश्चित तौर पर भारत के लिए बहुत काम की हैं क्योंकि हम भारत में घरेलू स्तर पर उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और जापान कारोबारों के बीच सहयोग की संभावना तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सहयोग भारत द्वारा जापान से खरीद तथा उनकी तकनीकों की मदद से भारत में घरेलू उत्पादन की संभावना, दोनों ही उद्देश्यों के लिए होगा।
जेटली, जिनके पास वित्त मंत्रालय का प्रभार भी है, उन्होंने सोमवार को जापान का तीन दिवसीय दौरा पूरा किया। यहां वे एशियाई विकास बैंक की सालाना बैठक और निवेश बैठकों में भी शामिल हुए। एपी के मुताबिक, जापान के रक्षा मंत्री के साथ बैठक में उन्होंने जुलाई में भारत, अमेरिका तथा जापान के बीच नौसेना के अभ्यास की योजना का स्वागत किया।
इस अभ्यास का उद्देश्य एशिया-प्रशांत में सहयोग बढ़ाना है। उन्होंने कहा, यह हमारे सैन्य बलों के बीच सहयोग का स्तर दर्शाता है। उनका जापान दौरा क्षेत्र में बढ़ रहे तनाव के बीच हुआ है। एपी के मुताबिक, प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने चीन तथा उत्तर कोरिया के बीच सुरक्षा चिंताओं के चलते जापान की रक्षा भूमिका तथा क्षमता के विस्तार पर जोर दिया।