लखनऊ/बरेली, उत्तर प्रदेश में रूहेलखंड विश्वविद्यालय की तरफ से एक अनूठी पहल होने जा रही है। इस अनोखे प्रयोग के बाद अब प्रदेश के हर जिलों का भी अपना इतिहास होगा और जिला बनने से लेकर वर्तमान समय तक हर चरण का ब्यौरा दर्ज होगा। विश्वविद्यालय सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए स्थानीय दस्तावेजों के साथ भारतीय इतिहास में मौजूद तथ्यों की मदद ली जाएगी और एक प्रामाणिक ग्रंथ तैयार होगा। प्रदेश और जिलों के अपने इतिहास को लेकर प्रदेशभर के 300 इतिहासकार रूहेलखंड विश्वविद्यालय में इस बड़ी परियोजना पर मंथन करेंगे। रूहेलखंड विश्वविद्यालय को छह और सात नवंबर को होने वाली यूपी हिस्ट्री कांग्रेस की मेजबानी मिली है। इतिहासकार प्रदेश और जिला स्तर के इतिहास पर किए गए शोध को इस हिस्ट्री कांग्रेस में पेश करेंगे, जहां से मिले तथ्यों के आधार पर इतिहास लेखन किया जाएगा। हिस्ट्री कांग्रेस के आयोजन की जिम्मेदारी मिलने के बाद रूहेलखंड विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर श्याम बिहारी लाल के मुताबिक, हर जिला का इतिहास लिखा जा रहा है। इसको लेकर यूपी हिस्ट्री कांग्रेस का अधिवेशन छह और सात नवंबर को होगा। इसमें 300 से अधिक इतिहासकार पहुंचेंगे, जहां इतिहास लेखन के लिए रणनीति बनेगी। उन्होंने बताया कि इतिहास लेखन के मामले में रूहेलखंड क्षेत्र काफी धनी है। यहां के इतिहासकारों ने रूहेलखंड के इतिहास के साथ इसके स्वतंत्रता संग्राम में योगदान के प्रामाणिक ग्रंथ मौजूद है।