नई दिल्ली, भारत में 2005 से 2014 तक दस साल की अवधि में 770 अरब डालर (49,28,000 करोड़ रुपये) का कालाधन आया। अमेरिका के थिंक टैंक ग्लोबल फाइनेंसियल इंटेग्रिटी (जीएफआई) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस दौरान देश से 165 अरब डालर (10,56,000 करोड़ रुपये) की अवैध राशि देश से बाहर भी निकली है।
इसमें कहा गया है कि अकेले 2014 में ही 101 अरब डालर का कालाधन देश में पहुंचा है जबकि 23 अरब डालर का धन बाहर निकला। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 के दौरान 1,000 अरब डालर की अवैध राशि का विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में आवागमन हुआ। वर्ष 2005-2014 में विकासशील देशों में अवैध वित्तीय प्रवाह का आवागमन नामक यह रिपोर्ट ऐसी पहली रिपोर्ट है जिसमें अवैध धन के आने और निकलने दोनों के बारे में अध्ययन किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2005-2014 के दौरान कुल अवैध बाह्य वित्तीय प्रवाह भारत के कुल व्यापार 5,500.74 अरब डालर का तीन प्रतिशत यानी करीब 165 अरब डालर रहा। इसमें सुझाव दिया गया है कि सरकारों को कालेधन की निगरानी के लिये सभी तरह की वैध इकाइयों के बारे में सत्यापित लाभार्थी स्वामित्व सूचना रखने वाली सार्वजनिक रजिस्ट्री स्थापित करनी चाहिये। रिपोर्ट में कहा गया है, सभी बैंकों को उनके वित्तीय संस्थान में रखे गये खातों के सही लाभार्थी स्वामित्व की जानकारी होनी चाहिये।