लखनऊ, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को होने वाली जीएसटी (माल एवं सेवा कर) परिषद की 45वीं बैठक में पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने, कोविड-19 से संबधित वस्तुओं पर दी गयी रियायत की समीक्षा के अलावा कोरोना के दौरान राज्यों को हुये नुकसान जैसे विषयों पर चर्चा हो सकती है।
बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी जबकि शाम आठ बजे वित्त मंत्री प्रेस कांफ्रेंस कर बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देंगे। बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के अलावा सभी राज्यों की ओर से जीएसटी परिषद के सदस्य के रूप में नामित मंत्री हिस्सा लेंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने गुरूवार को बताया कि वैश्विक महामारी की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच जीएसटी परिषद की यह बैठक कई मायनों में बेहद अहम है। कोविड-19 की दूसरी लहर में देश में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुयी है जिसके चलते राजस्व को हुये नुकसान के एवज में राज्यों को मुआवजा दिये जाने पर चर्चा हो सकती है। बैठक में पेट्रोलियम पदार्थ जैसे पेट्रोल,डीजल के अलावा प्राकृतिक गैस को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार किया जा सकता है। वहीं खाद्य तेल और अन्य जरूरी चीजों की बढती कीमतों के अलावा कोरोना से संबधित दवाओं और दूसरे उपकरणों पर दी गयी रियायत पर पुर्नविचार किया जा सकता है।
इससे पहले जीएसटी परिषद की 44वीं बैठक 12 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी जिसमें 30 सितंबर तक कोरोना महामारी में काम आने वाले उपकरणों और दवाओं पर जीएसटी की दरें घटाई गई थीं।
गौरतलब है कि अगस्त में सकल जीएसटी संग्रह एक लाख 12 हजार करोड़ रूपये से अधिक रहा है जिसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) की हिस्सेदारी 20,522 करोड़ और राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) की हिस्सेदारी 26,605 करोड़ रुपये रही है जबकि एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) 56,247 करोड़ रुपये और सेस की हिस्सेदारी 8,646 करोड़ रुपये रही है।