जीएसटी से महंगाई कम होगी, आर्थिक वृद्धि बढ़ेगी- अरुण जेटली

नई दिल्ली,  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि माल एवं सेवाकर  लागू होने से महंगाई कम होगी, कर चोरी करना मुश्किल होगा और सकल घरेलू उत्पाद  को बढ़ावा मिलेगा। संसद के केन्द्रीय कक्ष में जीएसटी की शुरुआत के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये जेटली ने कहा कि इस महत्वपूर्ण एकीकृत कर सुधार को एक नई शुरआत के तौर पर देखा जाना चाहिये जिससे देश का आर्थिक विस्तार होगा। जेटली ने जीएसटी को कारोबार सुगमता की दिशा में बड़ा कदम बताते हुये कहा कि इससे केन्द्र और राज्यों के स्तर पर लगने वाले 17 कारोबार कर और 23 उपकर सभी इसमें समाहित हो जायेंगे और करदाता को अब केवल एक ही कर देना होगा और एक ही रिटर्न दाखिल करना होगा।

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जेटली ने खचाखच भरे केन्द्रीय कक्ष को संबोधित करते हुये कहा, मुद्रास्फीति कम होगी, कर चोरी करना मुश्किल होगा, इससे देश की जीडीपी को बढ़ावा मिलेगा और जो अतिरिक्त संसाधन इससे प्राप्त होंगे उनका इस्तेमाल समाज के कमजोर और गरीब तबके के कल्याण के लिये किया जायेगा। वित्त मंत्री ने कहा जीएसटी क्रियान्वयन के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया है।

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भारत के इतिहास में यह सबसे बड़ा और महत्वकांक्षी कर एवं आर्थिक सुधार है। उन्होंने कहा, पुराना भारत आर्थिक रूप से अलग-अलग हिस्सों में फैला हुआ था जबकि नये भारत में एक कर, एक बाजार और एक राष्ट्र होगा। भारत में अब केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर साझी समृद्धि के लिये काम करेंगे। जेटली ने जीएसटी को देश के लिये महत्वपूर्ण उपलब्धि करार देते हुये कहा कि इससे न केवल भारत अपना नया भाग्य लिखेगा बल्कि इस नई कर व्यवस्था से देश का संघवाद और मजबूत होगा।

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जेटली ने कहा, संविधान कहता है कि भारत राज्यों का संघ है। यदि केन्द्र और राज्य मजबूत होंगे तो यह संघ भी मजबूत होगा। यही सहयोगात्मक संघवाद का वास्तविक मतलब है। उन्होंने कहा कि जीएसटी को लागू करते हुये न तो राज्यों ने और न ही केन्द्र ने अपनी संप्रभुता को छोड़ा है। उन्होंने अपनी अपनी संप्रभुता को साथ मिलाकर अप्रत्यक्ष कर के क्षेत्र में संयुक्त निर्णय लिये हैं। जेटली ने कहा कि 29 राज्य और विधायी व्यवस्था वाले दो संघ शासित प्रदेश की व्यापक और जटिल संघीय प्रणाली में जहां बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था है, में भारत ने संवैधानिक संशोधन किया और एक व्यापक कर सुधार को लागू किया है।

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वित्त मंत्री ने कहा, हमने यह काम ऐसे समय कर दिखाया है जब पूरी दुनिया कमजोर वृद्धि, ढांचागत सुधार की कमी के दौर से गुजर रही है। जीएसटी के जरिये भारत ने दिखा दिया है कि इन चुनौतियों का सामना एकजुटता, खुलेपन और मजबूत इच्छाशक्ति के साथ किया जा सकता है। जेटली ने जीएसटी की यात्रा में सहयोग और इसे वास्तविकता में बदलने के लिये सभी सांसदों, राज्यों के वित्त मंत्रियों और अधिकारियों की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि राज्यों के वित्त मंत्रियों और अधिकारियों ने ऐसे समय में यह काम कर दिखाया है जब कई लोग जीएसटी के एक जुलाई से लागू होने को लेकर आशंका जता रहे थे। जेटली ने इस मौके पर तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी सहित पूर्ववर्तियों द्वारा जीएसटी के लिये किये गये प्रयासों को भी याद किया। इस मौके पर उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के योगदान को भी याद किया। पूर्व आर्थिक सचिव विजय केलकर के योगदान को भी उन्होंने सराहा। वित्त मंत्री ने कहा, जीएसटी परिषद में सभी निर्णय आम सहमति से लिये गये.. हम आम आदमी और कमजोर तबके पर कोई बोझ नहीं डालना चाहते हैं।

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