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जीप के बोनट पर बांधने वाले सेना के मेजर को सम्मानित करने की भाकपा, जदयू ने की आलोचना

नई दिल्ली, विपक्षी भाकपा और जदयू ने जम्मू कश्मीर में पथराव करने वालों के खिलाफ मानव ढाल के तौर पर एक व्यक्ति को जीप के बोनट पर बांधने वाले सेना के मेजर को सम्मानित किए जाने की आलोचना की और आशंका जताई कि इससे संकटग्रस्त राज्य में हालात जटिल हो सकते हैं। दूसरी ओर कांग्रेस इस मामले पर कुछ कहने से बचती दिखी और उसने कहा कि वह मेजर लीतुल गोगोई को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए प्रशस्ति पत्र देने को लेकर सैन्य प्रमुख पर सवाल नहीं खड़े करना चाहती है।

हालांकि 1960 के दशक के मध्य में सेना में सेवाएं देने वाले और अब पंजाब के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल रहे कांग्रेस के अमरिंदर सिंह ने कहा कि यदि वह गोगोई के स्थान पर होते तो वह भी यही करते। भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा, हम इस प्रकार के सम्मान पर अपना असंतोष व्यक्त करते हैं। जब जांच लंबित है तब इस प्रकार सम्मानित किया जाना सही नहीं है। इससे कश्मीर में मौजूदा हालात के बीच अच्छा संकेत नहीं जाता क्योंकि हालात और जटिल हो सकते हैं। एक अन्य भाकपा नेता ने कहा कि कश्मीरियों में विश्वास का निर्माण करना समय की मांग है।

जदयू के नेता शरद यादव ने कहा कि कश्मीर में हालात जटिल हैं और घटना की जांच पूरी होने तक कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए। इससे हालात और खराब हो सकते हैं। कांग्रेस के संचार प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा, सेना के जवानों को प्रशस्ति पत्र देना सैन्य प्रमुख का विशेषाधिकार है। सैन्य प्रमुख के फैसले पर सवाल उठाने का कोई औचित्य नहीं है। इस बीच भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी कहा है कि किसी की जान को खतरा होने पर कोई आम नागरिक भी आत्मरक्षा में किसी अन्य की हत्या कर सकता है। उन्होंने कहा, यहां सुरक्षा बलों और लोकसेवकों की जान को खतरा था और मेजर गोगोई ने जो किया, वह उनकी और आम नागरिकों की जान बचाने के लिए किया। उन्होंने कहा, मेजर की आलोचना कर रहे लोग घाटी में हिंसा भड़काने वाले अलगाववादियों एवं पथराव करने वालों के समर्थक हैं।