Breaking News

जेएनयू की प्रवेश परीक्षा मे साक्षात्कार समाप्त करें, प्रधानमंत्री मोदी- डा०लालजी निर्मल

laljiलखनऊ, जेएनयू से यूपी पहुंची सोशल जस्टिस की लड़ाई पर चिंता जाहिर करते हुये अम्बेडकर महासभा के अध्यक्ष डा० लालजी निर्मल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जेएनयू की प्रवेश परीक्षा मे साक्षात्कार समाप्त करने की मांग की है। उन्होने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री ने केन्द्र सरकार की नौकरियों मे हो रहे भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिये चतुर्थ और तृतीय श्रेणी की नौकरियों मे साक्षात्कार को समाप्त किया है, वैसे ही जेएनयू की प्रवेश परीक्षा मे व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिये साक्षात्कार को समाप्त करें।

दरअसल, जेएनयू में एमए, पीएचडी और एमफिल में प्रवेश के लिए कुल 100 अंक की परीक्षा होती है। इसमें 70 अंक लिखित परीक्षा के होते हैं और बाकी 30 अंक का साक्षात्कार होता है। पिछड़े और दलित वर्ग के छात्रों का आरोप है कि जेएनयू में प्रवेश परीक्षा के इंटरव्यू में जातिवादी भेदभाव के चलते उन्हें बहुत कम अंक दिए जाते हैं, जिससे उनका चयन न हो पाए और पिछड़ी-दलित वर्ग की सीटें सामान्य वर्ग से भरे जाने का विश्वविद्यालय प्रशासन को अवसर मिल जाए।

सूत्रों के मुताबिक, जेएनयू में पिछले पांच सालों में साक्षात्कार के दौरान दलित वर्ग के छात्रों को औसतन 30 अंकों में से सात अंक मिले, जबकि ओबीसी का औसत तो दलितों से भी खराब रहा। ओबीसी के छात्रों को पिछले पांच सालों में औसतन छह अंक ही दिए गए, वहीं पर सवर्ण वर्ग के छात्रों को औसतन 20 अंक दिए गए हैं। इन आंकड़ों से साफ है कि जेएनयू में साक्षात्कार के दौरान जाति के नाम पर भेदभाव किया जाता है और इसी भेदभाव को समाप्त करने के लिए जेएनयू के दलित, पिछड़े, आदिवासी और पसमांदा मुसलमान छात्र बड़ी संख्या में एकत्रित होकर जेएनयू प्रशासन से साक्षात्कार को समाप्त करने या साक्षात्कार को बिना अंक का बनाने की मांग कर रहे हैं।

डा० लालजी निर्मल ने बताया कि जेएनयू मे उत्पीड़न का आलम यह है कि जेएनयू प्रशासन ने दलितों पिछड़ों की जायज मांग को दबाने के लिए 12 दलित और ओबीसी छात्रों को निलंबित कर दिया। निलंबित छात्रों को विश्वविद्यालय में घुसने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। यह भी फरमान जारी किया गया है कि इन निलंबित छात्रों को जो शरण देगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *