लखनऊ , जेएनयू मे चल रही छात्रों के सामाजिक आंदोलन की लड़ाई अब पूरे देश में फैलने लगी है। देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में दलित और पिछड़े वर्ग के छात्रों के साथ हो रहे जातिवादी भेदभाव को लेकर कई संगठन एक मंच पर आ गए हैं। लखनऊ में शुक्रवार को विधानसभा के सामने जेएनयू से 12 छात्रों के निलंबन और निष्कासन को लेकर विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र संगठनों ने मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और जेएनयू प्रतिकुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार का पुतला फूंका।
प्रधानमंत्री का पुतला फूंक रहे छात्र नेताओं और छात्रों की मांग है कि जेएनयू मे जिन छात्रों पर निष्कासन की कार्रवाई की गई है, वह रद्द की जाये , जेएनयू में एमए, पीएचडी और एमफिल में प्रवेश के लिए जो गड़बड़ियां की जा रही हैं, वह बंद हों। छात्र नेताओं का कहना है कि यह सबकुछ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के इशारे पर करवाया जा रहा है। वह जेएनयू को संघ का अड्डा बनाना चाहते हैं और प्रतिकुलपति इसमें उनका सहयोग कर रहे हैं। जेएनयू मे दलित और पिछड़े वर्ग के छात्रों के निष्कासन की कार्रवाई के विरोध मे लखनऊ, फैजाबाद, इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर आदि शहरों मे छात्र संगठनों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किये। बहुत तेजी से देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों के इस सामाजिक आंदोलन की लड़ाई अब पूरे देश में फैलने लगी है।