pनयी दिल्ली, आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा है कि राफ़ेल मामले में आए उच्चतम न्यायालय के फ़ैसले के बावजूद सयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से इस मामले की जाँच कराने का विकल्प अभी भी खुला है। सिंह ने न्यायालय के फ़ैसले पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करने से बचते हुए कहा “अदालत के फ़ैसले पर कोई नकारात्मक बात कहना अनुचित है। जनता की अदालत और संसद में जाने का विकल्प खुला है। हालाँकि सिंह ने कहा कि वह राफ़ेल ख़रीद में भ्रष्टाचार के आरोप पर क़ायम हैं। क्योंकि अदालत का फ़ैसला लड़ाकू विमान की गुणवत्ता और इसकी ज़रूरत पर आया है। इस पर तो पहले भी कोई विवाद नहीं था।
सिंह ने कहा, “मूल सवाल विमान की क़ीमत में इज़ाफ़े और अंबानी की कम्पनी को ठेका देने का है। जिसकी वजह से यह सौदा भ्रष्टाचार के दायरे में आया है। इसलिए हमारी माँग है कि जेपीसी गठित कर गहनता से इसकी जाँच कराई जाय। उन्होंने कहा कि जब मंदिर मामले में उच्चतम न्यायालय के फ़ैसले के बावजूद अध्यादेश और क़ानून बनाने के विकल्प पर विचार हो सकता है तो इस मामले में भी जेपीसी के माध्यम से जाँच कर देश की जनता के मन में व्याप्त भ्रांतियाँ दूर करने से सरकार क्यों बच रही है।
उच्चतम न्यायालय ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीदी के मामले में नरेन्द्र मोदी सरकार को शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी। साथ ही शीर्ष अदालत ने सौदे में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज किया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है।