देहरादून, उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ उपनगर के कुछ क्षेत्रों में भू-धंसाव की घटनाओं से चिन्तित सरकार ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक की तथा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये।
मीटिंग में हुए निर्णयों की मुख्य सचिव डॉ. एस एस संधु एवं आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने संयुक्त रूप से मीडिया सेंटर में बिंदुवार जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जोशीमठ के आपदा प्रभावित भू-भवन स्वामियों अथवा लोगों को स्थायी अध्यासन अथवा विस्थापन नीति निर्धारित होने से पूर्व अग्रिम धनराशि एक लाख (जिसका समायोजन किया जायेगा) तथा सामान की ढुलाई एवं तात्कालिक आवश्यकताओं हेतु गैर समायोज्य धनराशि 50 हजार अर्थात कुल 1.5 लाख आवंटित किये जाने के लिए राज्य आकस्मिकता निधि से 11 जनवरी को 45 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गयी है। इसके लिए अनुमोदन प्रदान किया गया।
डा संधु ने बताया कि वहां (जोशीमठ) जिला प्रशासन द्वारा चयनित भू-खण्डों (कोटी फार्म, पीपलकोटी, गोचर, ग्राम – गौख सेलंग, ग्राम – ढाक) के क्षेत्रीय सर्वेक्षण के उपरांत, आपदा प्रभातियों के लघु कालिक पुर्नवास हेतु चयनित भू-खण्डों पर सर्वे के उपरान्त प्री-फेर्बीकेटेड स्ट्रक्चर्स का निर्माण किये जाने पर सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट द्वारा यह निर्देश भी दिये गये कि जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों अथवा व्यक्तियों के मध्य सर्वे कराते हुए भवन दिये जाने अथवा पैकेज के रूप में धनराशि दिये जाने का निर्णय लिया जायेगा।
मुख्य सचिव ने बताया कि शासनादेश सं0 763, दिनांक दो सितंबर 2020 द्वारा आपदा प्रभावित ऐसे व्यक्ति, जो कि किराये के मकान पर निवास करते है, उनको किराये के रूप में अधिकतम छह माह के लिये प्रतिमाह 4000 रुपये की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दिये जाने की व्यवस्था है। जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों हेतु उक्त किराये की धनराशि 4,000 प्रतिमाह से बढाकर 5,000 प्रतिमाह किये जाने पर अनुमोदन प्रदान किया गया। साथ ही चमोली के जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर यदि उक्त किराये में और अधिक वृद्धि किये जाने की आवश्यकता होती है, तो इस सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया। इसके अलावा, भू-धंसाव / भू-स्खलन प्रभावित परिवारों को होटल/आवासीय ईकाईयों में राहत कैम्प के रूप में अधिवास करवाये जाने हेतु एस०डी०आर०एफ० के मानकों के अनुसार, वास्तवित व्यय अथवा 950 रुपये प्रति दिन प्रति कक्ष, जो भी कम हो, उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही राहत कैम्प की अवधि के दौरान, प्रति व्यक्ति हेतु भोजन के लिये प्रतिदिन 450 रुपये उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। यदि कोई व्यक्ति राहत कैम्प में भोजन करने का इच्छुक नही है, तो ऐसे व्यक्ति को भोजन हेतु प्रतिदिन 450 रुपये धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। एस०डी०आर०एफ० के मानकों के अनुसार पशुओं के प्रतिस्थापन हेतु 15 हज़ार रुपये दिए जाएँगे, इसके अतिरिक्त बड़े पशुओं के चारे के लिये 80 रुपये प्रतिदिन तथा छोटे पशुओं के चारे के लिये 45 रुपये प्रति दिन की धनराशि सम्बन्धित व्यक्तियों को उपलब्ध कराई जाएगी ।
डा. संधू ने कैबिनेट के हवाले से बताया कि जोशीमठ नगर क्षेत्र के भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण तथा जल निकासी योजना इत्यादि कार्यों हेतु सिंचाई विभाग के स्तर पर शोर्टलिस्ट संस्थाओं में से मैसर्स वैपकास लिमिटेड, गुरुग्राम को टो-इरोजन तथा भू – धसाव / भू-स्खलन से सम्वन्धित कार्य ई०पी०सी० मोड में कराये जाने हेतु एकल स्रोत के सम्बन्ध में कराये जाने हेतु यह निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग एवं वैपकोस में से जो भी शीघ्र डी०पी०आर० तैयार करते हुए कार्य प्रारम्भ कर सकता है, उसके सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने हेतु मुख्यमंत्री अधिकृत होंगे। उन्होंने बताया कि भू-धंसाव / भू-स्खलन से प्रभावित भू-भवन स्वामियों का एक जनपद स्तरीय समिति के माध्यम से क्षति आंकलन का सर्वे कराते हुए, उसके उपरान्त उनकी भूमि तथा निर्मित भवन हेतु सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में मंत्रिमण्डल द्वारा एक सप्ताह के अन्दर पैकेज तैयार कर भारत सरकार को प्रेषित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
मंत्रिमंडल ने जोशीमठ आपदा के दृष्टिगत भारत सरकार से राहत पैकेज के रूप में धनराशि प्राप्त होने तक राज्य सरकार के संसाधनों से अल्प कालिक एवं मध्य कालिक किये जाने वाले विभिन्न कार्यों पर धनराशि का व्यय किया जाना प्रस्तावित है, जिसका समायोजन भारत सरकार से राहत पैकेज के रूप में धनराशि प्राप्त होने पर कर लिया जायेगा। इसके अलावा, केंद्र सरकार के पत्र दिनांक 10 अक्टूबर 2022 के द्वारा निर्गत एस०डी०आर०एफ० के नवीन मानकों में यह व्यवस्था की गयी है कि ऐसे परिवार जिनकी आजीविका का साधन आपदा के कारण प्रभावित हुआ है, उनके परिवार के दो व्यस्क सदस्यों को मनरेगा के अन्तर्गत निर्धारित मजूदरी की दरों के अनुसार अनुग्राहिक राहत प्रदान की जायेगी। जोशीमठ की आपदा को दृष्टिगत रखते हुये राहत शिविर में निवास कर रहे लोगों को एस०डी०आर०एफ० के मानकों से सम्बन्धित भारत सरकार के पत्र दिनांक 10.10.2022 के साथ संलग्न सूची के कमांक संख्या – 01 (ड) को लागू करते हुये राहत शिविर में निवास करने की अवधि तक के लिये, मनरेगा में निर्धारित दरों के अनुसार अनुग्राहिक राहत राशि प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट का अनुमोदन प्राप्त किया जाना प्रस्तावित है।
मुख्य सचिव ने बताया कि इसके अतिरिक्त कैबिनेट द्वार चार अन्य विषयों पर भी सहमति दी गई है। जिनमें माह नवम्बर, 2022 से आगामी छः माह तक के लिये जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों/व्यक्तियों के बिजली एवं पानी के विद्युत बिल माफ किये जाने का निर्णय लिया गया। जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों के बैंक इत्यादि से लिये गये ऋण की वसूली को एक साल के स्थगित किये जाने के सम्बन्ध में यह निर्देश दिये गये कि सहकारी बैंकों की ऋण वसूली तत्काल प्रभाव से स्थगित की जाय तथा अन्य कमर्शियल बैंक के स्तर से भी ऋण वसूली स्थगित किये जाने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया जाए।
डा संधु ने बताया कि मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड राज्य के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन किये जाने का निर्णय लिया है। जोशीमठ की आपदा से सम्बन्धित विभिन्न प्रस्तावों पर शीघ्रता से निर्णय लिये जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया। जोशीमठ भू धंसाव प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए उत्तराखंड के सभी कैबिनेट मंत्री अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।