चेहरे की त्वचा पर प्रायः काले या सफेद कलर के धब्बे हो जाते हैं। इन्हें झांइयां पिगमेंटेंशन कहा जाता है। झांइयां होने से चेहरे का आकर्षण खत्म हो जाता है। झांइयां उत्पन्न होने आंतरिक एवं बाहृा-दोनों ही कारण हैं। गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति, मासिकधर्म तथा वयसंधि काल आदि समय में आंतरिक अनियमितता को वजह से शारीरिक हार्मोन में परिवर्तन होता है जिससे किसी-किसी महिला के चेहरे पर झांइयां उत्पन्न हो जाती हैं।
एक चम्मच गाजर का रस, एक चम्मच मुलतानी मिट्टी, एक चम्मच संतरे का रस और आधा चम्मच नींबू का रस इनसबको ठीक से मिलाकर झांइयों पर लगाएं। आधा घंटे बाद ठंडे पानी से धो लें। यह प्रयोग सप्ताह में एक बार करें। एक चम्मच टमाटर का रस, चम्मच तुलसी के पत्तों का रस, आधा चम्मच हरा धनिया के पत्तों का रस और आधा चम्मच पुदीने का रस इन सबको मिलाकर रूई के फाहे से झांइयों पर लगाएं। यह प्रयोग सप्ताह में तीन बार करें। शीघ्र ही लाभ दिखाई देगा।
आधा चम्मच मलाई और आधा चम्मच कच्ची पिसी हल्दी दोनों को मिलाकर अपने चेहरे की झांइयों पर लगाएं। यह प्रयोग नियमित रूप से करने पर लाभ दिखाई देगा। एक पिसा बादाम और एक चम्मच संतरे के छिलके का पाउडर दोनों को कच्चे दूध में मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे चेहरे और गर्दन की झांइयों पर लगाएं। एक घंटे बाद ठंडे पानी से धो लें। झाइयां अधिक काली होने पर आधा चम्मच एरंड का तेल और आधा चम्मच नींबू का रस दोनों को मिलाकर झांइयों पर सप्ताह में दो बार लगाएं।