टाटा ग्रुप मे घमासान शुरु, चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री हटाये गये
October 25, 2016
मुंबई, टाटा सन्स बोर्ड ने चेयरमैन के पद से साइरस मिस्त्री को हटा दिया है। उन्हें किस कारण से हटाया गया है इसे अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। इनकी जगह पर रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है। रतन टाटा चार महीने के लिये अंतरिम चेयरमैन बनाए गए हैं। नये चेयरमैन की तलाश एक खोज समिति करेगी। टाटा समूह के नये चेयरमैन की खोज के लिये गठित समिति में रतन टाटा, वेणु श्रीनिवासन, अमित चंद्र, रोनेन सेन और लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य शामिल होंगे। सायरस टाटा के छठे चेयरमैन थे। उन्हें रतन टाटा के रिटायरमेंट होने के बाद चेयरमैन बनाया गया था। हटाने का फैसला बोर्ड की बैठक में लिया गया।
टाटा ग्रुप ने सोमवार को साइरस मिस्त्री (48) को चेयरमैन पोस्ट से हटाकर रतन टाटा (78) को इंटरिम चेयरमैन बना दिया गया। साइरस 28 दिसंबर, 2012 को चेयरमैन बने थे। रतन 2009 से नए चेयरमैन को खोज रहे थे। 2012 में जाकर उन्होंने साइरस को चेयरमैन बनाया। अब 5 मेंबर कमेटी 4 महीने में नए चेयरमैन को सिलेक्ट करेगी। एक्सपर्ट बताते हैं कि टाटा सन्स में चेयरमैन चुने जाने की प्रोसेस काफी पेचीदा होती है। इसमें परंपराओं का ध्यान रखा जाता है। लिहाजा इसमें काफी वक्त लग सकता है। टाटा का मार्केट कैप 8 लाख करोड़ रु. का है।
टाटा ग्रुप बिजनेस बढ़ाने या पैसा कमाने से ज्यादा गुडविल बनाने पर यकीन रखता है। नए चेयरमैन में यही सारी चीजें ढूंढी जाती हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पेप्सीको की इंदिरा नूयी, टीसीएस के सीईओ एन. चंद्रशेखरन, वोडाफोन के सीईओ अरुण सरीन, टाटा इंटरनेशनल के नोएल टाटा, टाटा ग्रुप के बी. मुत्थुरमन और इशात हुसैन टाटा का नया चेयरमैन बनने की दौड़ में हैं।
टाटा ग्रुप की स्थापना 148 साल पहले (1868) में हुई थी। 2 बार को छोड़ दें तो तब से अब तक टाटा परिवार से ही चेयरमैन आते रहे हैं। 1932-38 तक सर नौरोजी सकलतवाला और 2012-16 तक साइरस मिस्त्री टाटा संस के चेयरमैन रहे। केवल ये दोनों ही नॉन-टाटा फैमिली से थे। बियाणी के मुताबिक, ‘टाटा ग्रुप में परिवार से ही मुखिया चुनने की परंपरा है। चूंकि टाटा परिवार में ज्यादातर लोग शादी नहीं करते। वे गोद ले लेते हैं। रतन भी गोद ही लिए गए थे। लिहाजा उत्तराधिकारी चुनने में मुश्किल होती है।’