ब्रिस्बेन, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) निक हॉकली पूर्व कप्तान टिम पेन की क्रिकेट में वापसी चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह उन्हें राज्य और ऑस्ट्रेलिया दोनों के लिए खेलते हुए देखना चाहते हैं और यह जितना ज़ल्दी हो सके, उतना अच्छा है।
क्रिकेट तस्मानिया की महिला कर्मचारी को अश्लील मैसेज भेजने के एक पुराने मामले में ऐशेज़ से तीन सप्ताह पहले पेन को इस्तीफ़ा देना पड़ा था। इस दौरान वह मीडिया के सामने ख़ूब रोए और इसके बाद उन्होंने मानसिक वजहों से क्रिकेट से भी ब्रेक ले लिया। इसके बाद कहा गया कि शायद वह ऑस्ट्रेलिया के लिए फिर से कभी खेलें। हालांकि हॉकली को अब भी उम्मीद है कि पेन टेस्ट क्रिकेट में वापसी करेंगे।
वैसे तो अश्लील मैसेज भेजने का यह मामला 2017 का है और 2018 में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को इस घटना की जानकारी मिल गई थी, लेकिन फिर भी उन्होंने उन पर कोई कार्रवाई ना करते हुए उन्हें खिलाना जारी रखा और उन्हें कप्तान भी बना दिया गया। दरअसल क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया नहीं चाहती थी कि सैंडपेपर गेट के बाद उनकी टीम या टीम के खिलाड़ियों पर फिर से कोई गंभीर आरोप लगे, इसलिए सीए ने मामले को दबाए रखा।
अगर अब पेन को क्रिकेट में वापसी करनी है तो उन्हें सीमित ओवरों के आगामी घरेलू मैच खेलने होंगे। इसके बाद उनके नाम पर पाकिस्तान दौरे के लिए विचार किया जा सकता है, जो कि अगले साल मार्च में प्रस्तावित है। पेन के मामले को सही तरह से नही संभालने के लिए सीए को काफ़ी आलोचना का भी सामना करना पड़ा है। क्रिकेट तस्मानिया के प्रमुख ऐंड्रयू गैगिन इसमें प्रमुख हैं। उन्होंने कहा, ‘सीए को इस समय पेन को सबसे अधिक समर्थन करना चाहिए था, लेकिन उन्हें अलग-थलग कर दिया गया है। 50 साल पहले ऐसा पूर्व कप्तान बिल लॉरी के साथ हुआ था, जब उन्हें 1970-71 ऐशेज़ के दौरान कप्तानी से हटा दिया गया था और उन्हें इसकी ख़बर मीडिया से मिली थी।’
इन आलोचनाओं पर जवाब देते हुए हॉकली ने कहा है कि सीए पेन का साथ देने की हरसंभव कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हमारे प्रमुख कोच जस्टिन लैंगर उनसे मिलने गए थे, इसके अलावा हमारे कोचिंग स्टाफ़ का एक सदस्य उनसे मिलने तस्मानिया जा रहा है। इसके अलावा तस्मानिया क्रिकेट समुदाय भी उनके साथ है। हम पूरी तरह से चाहते हैं कि पेन को हर तरह से मानसिक मदद मिले। पेन के लिए हमारे दिल में सम्मान है कि उन्होंने अपनी ग़लती को स्वीकार किया।’
हॉकली ने यह भी कहा कि कप्तानी से हटने का फ़ैसला ख़ुद पेन का था, जिसे बोर्ड मानता है कि यह काफ़ी उचित फ़ैसला था।