लंदन, टेनिस इंटिग्रिटी यूनिट का कहना है कि टेनिस में संदिग्ध रूप से होने वाली सट्टेबाजी का बढ़ना चिंता का कारण है। रिपोर्ट के अनुसार, टीआईयू ने अपनी पहली वार्षिक रिपोर्ट में इस चिंता को जाहिर किया है। पिछले साल नौ खिलाड़ियों और अधिकारियों को टीआईयू की अनुशासनात्मक जांच के परिणाम के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था। पिछले साल 292 मामलों की खबर मिली थी, जिसमें से आठ मामले ग्रैंड स्लैम, एटीपी और डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट मैचों के थे। टीआईयू का कहना है कि ये मामले भ्रष्टाचार के सबूत नहीं हैं, लेकिन इन सभी मामलों की जांच होना जरूरी है।
टीआईयू ने कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए वह अपनी प्रणाली की समीक्षा जारी रखेगा। उल्लेखनीय है कि रोमानिया के टेनिस खिलाड़ी एलेक्जांद्रू डेनियल कार्पेन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया है। कार्पेन ने मैच फिक्सिंग के आरोप को स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद उन पर यह प्रतिबंध लगाया गया। इसके अलावा, आस्ट्रेलिया के खिलाड़ी निक लिंडल को भी सात वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है, साथ ही उन पर 35 हजार डॉलर का जुमार्ना भी लगाया गया है। लिंडल पर 2013 में आस्ट्रेलिया के एक घरेलू टूनार्मेंट के दौरान जानबूझकर मैच गंवाने का आरोप था।