कोलकाता, भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी गौतम गंभीर के बाद पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग भी टेस्ट क्रिकेट में गुलाबी गेंद की पहल को शामिल करने के पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है कि टेस्ट मैच को दर्शकों के बीच और अधिक आकर्षक बनाने के लिए गुलाबी गेंद जैसी पहल को अपनाने की जरूरत नहीं है। अगर मैदान पर अच्छी टीमें खेल रही होंगी, तो दर्शक स्वयं ही खींचे चले आएंगे। दिग्गज भारतीय बल्लेबाज टेस्ट मैचों में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना हर युवा क्रिकेट खिलाड़ी का सपना होता है, क्योंकि खेल का यह प्रारूप एक खिलाड़ी के लिए असली चुनौती और परीक्षा की घड़ी होती है।
सहवाग ने कहा, टेस्ट क्रिकेट का प्रारूप काफी अच्छा है। इसमें बदलाव की जरूरत नहीं। दर्शकों को आकर्षित करने के लिए आपको गुलाबी गेंद को शामिल करने की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि अगर मैदान पर पाकिस्तान, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी अच्छी टीमें खेल रही होंगी, तो लोग स्वयं ही मैदान पर चले आएंगे। सहवाग ने भारत के 500वें टेस्ट मैच के अवसर पर लांच स्पोर्टस्टार्स बुक के अवसर पर हुई एक पैनल चर्चा में यह बात कही। उनका कहना है कि भारत में टेस्ट क्रिकेट का भविष्य उज्जवल है। एक क्रिकेट खिलाड़ी के क्षमता की असली परीक्षा टेस्ट क्रिकेट में होती है और इसमें खेलना हर युवा खिलाड़ी का सपना होता है। इस चर्चा में शामिल भारतीय क्रिकेट टीम के कोच अनिल कुंबले ने इस पैनल चर्चा में क्रिकेट के सभी प्रशंसकों से आग्रह किया कि वे टेस्ट क्रिकेट के करियर के खत्म होने जैसी बातें न करें।