उत्तर रेलवे ने यात्रियों के सुरक्षित सफर के लिए इंजनों में जीपीएस युक्त सेव फॉग डिवाइस लगवाई है। यह डिवाइस रेल ड्राइवरों को एक किलोमीटर पहले ही सिग्नल की जानकारी देगा। यही नहीं, यह डिवाइस स्टेशन आने से 500 मीटर दूर ट्रेन ड्राइवर को बोल कर बताएगी कि कौन सा स्टेशन आने वाला है और सिग्नल कैसा है। अधिकारियों का कहना है कि इससे ड्राइवर कोहरे में अलर्ट रहेगा और सिग्नल को क्रास नहीं करेगा। फिलहाल इसको 14 रूटों पर चलने वाली ट्रेनों में लगाया गया है।
अभी दो दिन पहले पलवल में घने कोहरे की वजह से ईएमयू सिग्नल क्रास कर गई थी और उसी रेलवे ट्रैक पर धीरी गति से जा रही एक एक्सप्रेस ट्रेन से लड़ गई थी। इसमें ईएमयू के ड्राइवर की मौके पर मौत हो गई थी जबकि 70 यात्री घायल हो गए थे। अधिकारियों का कहना है कि अगर ट्रेन में सेव फॉग डिवाइस लगी होती तो ड्राइवर सिग्नल क्रास न करता और ट्रेन की टक्कर न होती। इसलिए उत्तर रेलवे ने ट्रेन ड्राइवरों को जीपीएस युक्त फॉग डिवाइस दी है.
सीनियर डीसीएम अजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि इस सेव फॉग डिवाइस में एक जीपीएस एंटीना भी लगा होता है। इस मशीन को ऑन करने के बाद ट्रेन ड्राइवर को इसमें सिर्फ रूट फीड करना होता है। उसके बाद यह जीपीएस की मदद से रूट की पोजिशन बता देता है। उन्होंने बताया कि यह डिवाइस ड्राइवरों के लिए काफी मददगार साबित होगी। इस डिवाइस को लखनऊ से सुलतानपुर, कानपुर, इलाहाबाद, बनारस, प्रतापगढ़, मुगलसराय और फैजाबाद रूट पर रात में चलने वाली ट्रेनों में लगाया गया है।