कराची, पाकिस्तान की ओर से सबसे अच्छा परफॉर्म कर रहे सरफराज अहमद ने काफी अरसे बाद अपना डर लोगों के सामने रखा है। सरफराज ने कहा है कि वह लंबे समय से वकार यूनिस के साथ चल रही अपनी समस्या की बात शेयर नहीं कर पा रहे थे, क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं उन्हें टीम से बाहर न कर दिया जाए। वकार यूनिस के पाकिस्तान टीम का कोच रहने के दौरान उनकी सरफराज के साथ अनबन थी, लेकिन सरफराज ने पहली बार इस मामले पर मुंह खोला है।
सरफराज ने स्वीकार किया है कि वह जिंबाब्वे के दौरे से पहले टीम के मुख्य चयनकर्ता के पास यह प्रार्थना लेकर गए थे कि उन्हें टीम से बाहर न किया जाए। सरफराज ने कहा कि उन्हें अच्छे प्रदर्शन के बावजूद जिंबाब्वे के दौरे से पहले टी20 मैचों के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि इस वजह से वह काफी डर गए थे। सरफराज ने कहा कि उन्हें इस बात की चिंता थी कि अगर उनके रिप्लेसमेंट ने अच्छा प्रदर्शन कर दिया तो फिर उनका क्या होगा? आपको बता दें कि सरफराज पाक टीम के उस दौरे से ही टीम के सबसे सफल विकेटकीपर-बल्लेबाज रहे हैं।
इसके बावजूद उनके डरे होने पर सवाल पूछा गया तो सरफराज कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। 2015 के वर्ल्ड कप के दौरान भारी दबाव के बावजूद वकार ने उन्हें शुरुआती चार मैचों में नहीं खिलाया था। इस सवाल का जवाब भी सरफराज टाल गए। उन्होंने कहा कि वह कुछ भी कहने से डरते हैं कि उन्हें टीम से बाहर न कर दिया जाए। सरफराज ने कहा कि उन्होंने दूसरे खिलाड़ियों के साथ ऐसा होते देखा है, इसलिए वह इस पर कुछ नहीं बोलेंगे। सरफराज ने यह बातें पाकिस्तानी टीवी चौनल से बातचीत में कही हैं।