लखनऊ, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने भारतरत्न डा भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर आज श्रद्धांजलि अर्पित की।।
अम्बेडकर महासभा में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बाबा साहब से जुड़े कार्यक्रम में आकर उन्हें नई ऊर्जा और चेतना मिलती है। वे सदैव परिश्रम और ज्ञान प्राप्त करने पर जोर देते थे। उन्होंने कहा कि डाॅ0 अम्बेडकर ने 65 वर्ष की आयु में जो देश को दिया है उस पर विचार करते हुए हम भी देश को कुछ दे सकते हैं, आज के दिन ऐसा संकल्प करें और बाबा साहब के सिद्धांत को आगे बढ़ाये।
नाईक ने कहा कि बाबा साहब ने देश को अभूतपूर्व संविधान दिया। हर व्यक्ति को मतदान का अधिकार देना बहुत बड़ी बात है। कई देशों में समान मतदान का अधिकार नहीं है। बाबा साहब ने तर्क के आधार पर संविधान में सबको समान अधिकार दिये हैं। पूर्व राष्ट्रपति डा राधाकृष्णन ने कहा था कि एक शिक्षित महिला के होने से पूरा परिवार शिक्षित होता है। इस बात को व्यवहार में लाने के लिये बाबा साहब ने इसे जन आन्दोलन का रूप दिया तथा महिलाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। जनतंत्र में महिला समानता सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब डा. अम्बेडकर सबके लिये आदरणीय हैं।
उन्होने लोगों का आहवान किया कि बाबा साहब द्वारा दिये गये मतदान के अधिकार का प्रयोग अवश्य करें। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष की आयु प्राप्त सभी नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग करें क्योंकि मजबूत जनतंत्र के लिये ज्यादा से ज्यादा मतदान आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत मतदान वाले लोगों का अम्बेडकर महासभा या राजभवन में समारोह आयोजित करके सम्मानित किया जायेगा।
अम्बेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी निर्मल की मांगों पर उन्होंने कहा कि यदि वे अपनी मांगों को लेकर एक प्रत्यावेदन उन्हें देंगे तो वे अपने स्तर से भी केन्द्र सरकार और राज्य सरकार से चर्चा करेंगे। लालजी निर्मल ने राज्यपाल का इस बात पर धन्यवाद दिया कि उन्होंने पूर्व में भारतीय संविधान की हिन्दी प्रति महासभा को उपयोगार्थ भेंट की थी तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को महासभा के कार्यक्रम में लाने में सहयोग भी किया। उन्होंने मांग की कि भूमिहीन दलितों को जमीन दी जाय तथा दलितों को सुरक्षित जीवन मिले। इस अवसर पर राज्यपाल ने अम्बेडकर रत्न से सुश्री विद्या गौतम एवं सुश्री पुष्पा वाल्मिकी को शाल, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में अवकाश प्राप्त प्रशासनिक अधिकारी हरीश चन्द्र, अनीस अंसारी, न्यायमूर्ति खेमकरन सहित बड़ी संख्या में विशिष्ट नागरिक जन उपस्थित थे।