लखनऊ, केन्द्रीय रेल, संचार, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि देश ने डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक यूनीक फ्रेमवर्क तैयार किया है जो आम लोगों के जीवन को आसान बनाने में मदद करेगा।
पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वर्किंग ग्रुप की बैठक को संबोधित करते हुये श्री वैष्णव ने यहां कहा कि डिजिटल टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है। सरकार ने डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में एक यूनीक फ्रेमवर्क तैयार किया है जो न सिर्फ लोगों के जीवन को आसान बनायेगा बल्कि इससे लोगों की स्किल में बढोत्तरी होगी।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की शुरुआत की है। पीपीपी मॉडल को एक उदाहरण यूपीआई से समझा जा सकता है। केन्द्र सरकार ने एक प्लेटफॉर्म लांच करने के लिए पब्लिक स्टेकहोल्डर्स को इनवाइट किया। इनमें बैंकिंग, इंश्योरेंस, ई कॉमर्स समेत कई कंपनियां शामिल थीं। साथ ही इसमें 1.2 बिलियन लोग भी शामिल थे। इसमें किसी एक कंपनी का एकाधिकार नहीं था। प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह कंप्लीट डिजिटल सॉल्यूशन बन गया। आज इसके माध्यम से सालाना 1.5 ट्रिलियन यूएस डॉलर का ट्रांजेक्शन किया जा रहा है और इसका एवरेज सेटलमेंट टाइम महज दो सेकेंड है, जो शानदार है।
श्री वैष्णव ने कहा कि अरबों ट्रांजेक्शन सेकेंडों में पूरी पारदर्शिता के साथ हो रहे है। कोई एक कंपनी इसे नियंत्रित नहीं कर रही है। उन्होने कहा कि कोविड ने जब हमें परेशान किया तो इतनी बड़ी आबादी को वैक्सीनेशन कैसे किया जाता। सरकार ने एक प्लेटफॉर्म ‘कोविन’ शुरू किया जिसमें अरबों लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया और हॉस्पिटल, क्लिनिक में दो अरब से ज्यादा वैक्सीनेशन का कार्य आसानी से हो गया।
दिलचस्प बात ये थी कि वैक्सीनेशन से जुड़ा हर डाटा इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध था। टेलीकॉम टेक्नोलॉजी में भी भारत इसी तरह आगे बढ़ा है। डिजिटल टेक्नोलॉजी इस दुनिया का भविष्य है और हम सभी इस भविष्य को एक साथ शेयर करने वाले हैं।