डिजिटल पेमेंट लेने वाले व्यापारियों को मिलेगी टैक्स में छूट
December 19, 2016
नई दिल्ली, डेबिट व क्रेडिट कार्ड, ई-वालेट या ऑनलाइन पेमेंट लेने वाले छोटे व्यापारियों को आम बजट में बड़ा तोहफा मिलेगा। सरकार डिजिटल पेमेंट लेने वाले व्यापारियों को आय कर में राहत देने जा रही है। ऐसे व्यापारियों के लिए वित्त वर्ष 2016-17 में डिजिटल पेमेंट्स के माध्यम से दो करोड़ रुपये तक के टर्नओवर पर मान्य लाभ आठ प्रतिशत से घटकर छह प्रतिशत हो जाएगा। ऐसा होने पर छोटे व्यापारियों पर पहले की अपेक्षा टैक्स का भार कम हो जाएगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को इसका ऐलान करते हुए कहा कि सरकार वित्त विधेयक 2017 के माध्यम से आयकर कानून की धारा 44एडी में संशोधन कर व्यापारियों को यह लाभ देगी। सरकार के इस कदम का मकसद लैस-कैश सोसाइटी बनाने के लिए डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देना है। सीबीडीटी ने कहा कि फिलहाल आयकर कानून की धारा 44एडी के तहत दो करोड़ रुपये तक के कारोबार पर कुल टर्नओवर का आठ प्रतिशत लाभ माना जाता है। प्रस्तावित व्यवस्था के तहत जो भी छोटे व्यापारी सक्रियता से कदम उठाते हुए डिजिटल पेमेंट्स स्वीकार करेंगे ऐसे व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट्स के माध्यम से होने वाले दो करोड़ रुपये तक के टर्नओवर पर लाभ छह प्रतिशत ही माना जाएगा। हालांकि डिजिटल पेमेंट्स के बजाय कैश में पेमेंट्स लेने वाले छोटे व्यापारियों को इस बदलाव का कोई लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही परिवहन व कमीशन और ब्रोकरेज का काम करने वाले व्यक्ति फर्म या एलएलपी को भी इसका लाभ नहीं मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि आठ नवंबर को 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के बाद सरकार देश में डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए पहले ही कई तरह के प्रोत्साहनों की घोषणा कर चुकी है। इसी कड़ी में छोटे व्यापारियों को आय कर के संबंध में राहत देने का यह फैसला किया गया है। सीबीडीटी ने कहा कि अर्थव्यवस्था में नकदी के इस्तेमाल को कम करने तथा छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में सरकार ने यह कदम उठाया है। असल में डिजिटल पेमेंट्स स्वीकारने के लिए जरूरी ढांचागत सुविधा जुटाने तथा एमडीआर चार्जेज लगने की वजह से बहुत से व्यापारी पीओएस मशीनें लेने से बचते हैं।