मुंबई, भारत में नकदी रहित अर्थव्यवस्था की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने का संकेत मिला है क्योंकि ऑनलाइन खरीद करने वाले अधिकांश लोग डिजिटल भुगतान के पक्ष में है।
किर्नी इंडिया और अमेजन पे इंडिया ने आज ‘शहरी भारत कैसे भुगतान करता है’ नाम से रिपोर्ट जारी की जिसमें यह दावा किया गया है। 120 शहरों और 6,000 से ज्यादा उपभोक्ताओं एवं 1,000 व्यापारियों के बीच किए गए सर्वे पर आधारित यह अध्ययन, भुगतान प्राथमिकताओं में एक बड़े बदलाव के बारे में बताता है। 90 प्रतिशत उत्तरदाता ऑनलाइन खरीदारी के लिए डिजिटल भुगतान के पक्ष में हैं, जबकि आधे (50 प्रतिशत) पड़ोस की दुकान पर भुगतान के लिए डिजिटल भुगतान को प्राथमिकता देते हैं। इस बड़े बदलाव के मद्देनजर, भारतीय व्यापारियों ने तेजी से डिजिटल भुगतान को अपनाया है, उनके 69 प्रतिशत लेनदेन अब डिजिटल चैनलों के माध्यम से होते हैं।
विभिन्न क्षेत्रों, आय समूहों, कई शहरों, आयु वर्ग और लिंगों तक सर्वे की व्यापक पहुंच भारत के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती है। यह रिपोर्ट उपभोक्ताओं और व्यापारियों द्वारा डिजिटल भुगतान को अपनाने के पैटर्न को अच्छी तरह से दर्शाती है, प्रमुख विकास कारकों और वृद्धि वाले क्षेत्रों पर प्रकाश डालती है। रिपोर्ट के परिणाम हितधारकों को सुरक्षा उपायों को मजबूत बनाने, समावेशता को बढ़ावा देने और उद्योग के निरंतर विस्तार के लिए भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक रणनीतिक खाका प्रदान करते हैं।
किर्नी इंडिया के फाइनेंशियल सर्विसेस लीड के पार्टनर शाश्वत शर्मा ने कहा, “ हमारा यह शोध भारत के डिजिटल भुगतान की विकास यात्रा की एक आकर्षक झलक पेश करता है, जो उपभोक्ता और व्यापारियों के व्यवहार में महत्वपूर्ण बदलाव को दिखाता है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों लेनदेन में डिजिटल भुगतान को व्यापक रूप से अपनाने से लेकर बीएनपीएल जैसे उभरते भुगतान तरीकों के आने तक, यह रिपोर्ट इस बात पर विस्तृत जानकारी प्रदान करती है कि भारत अपने भुगतान परिदृश्य को कैसे बदल रहा है। हमें उम्मीद है कि यह रिपोर्ट हितधारकों के लिए भारत में गतिशील और समावेशी डिजिटल भुगतान ईकोसिस्टम को समझने और योगदान करने के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में काम करेगी।”
अमेजन पे इंडिया के सीईओ विकास बंसल ने कहा, “भारत की डिजिटल भुगतान क्रांति सभी क्षेत्रों में फैल रही है, जो उपभोक्ताओं और व्यापारियों द्वारा समानरूप से प्रेरित है। शहरी भारत कैसे भुगतान करता है रिपोर्ट, एक समावेशी, सुरक्षित और भविष्य की जरूरतों के मुताबिक डिजिटल भुगतान ईकोसिस्टम के निर्माण के लिए हितधारकों को नवाचार और सहयोग करने की तत्काल जरूरत को रेखांकित करती है। रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे शहरों में भी डिजिटल लेनदेन में वृद्धि के साथ, हम अब एक निर्णायक मोड़ पर हैं। अमेजन पे इस बदलाव में सबसे आगे रहने और सभी भौगोलिक क्षेत्रों में भारतीयों तक निर्बाध पहुंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम आकांक्षाओं को पूरा करने और समाज का कल्याण करने वाले निर्बाध डिजिटल अनुभवों के माध्यम से जीवन को सरल बनाना जारी रखेंगे।”
डिजिटल भुगतान क्रांति का नेतृत्व भारत के मिलेनियल्स (25 से 43 वर्ष आयु वाले) और जेन एक्स (44 से 59 वर्ष आयु वाले) द्वारा किया जा रहा है। हालांकि, यह आंदोलन उम्र की बाधाओं को भी पार कर चुका है, क्योंकि बूमर्स (60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोग) भी तेजी से कार्ड और डिजिटल वॉलेट को अपना रहे हैं। उल्लेखनीय रूप से, डिजिटल भुगतान को अपनाने में पूर्ण लैंगिक समानता दिखाई देती है, जिसमें पुरुष और महिलाएं दोनों 70 प्रतिशत से अधिक लेनदेन में डिजिटल भुगतान को प्राथमिकता देते हैं। इस बड़े बदलाव को बढ़ावा देने में डिजिटल भुगतान में मिलने वाली अनूठी सुविधा है, जिसे 60 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीदारी के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा बताया है। स्पीड, दक्षता और आकर्षक रिवार्ड डिजिटल भुगतान की अपील को और बढ़ावा देते हैं, और व्यापक रूप से अपनाने को प्रेरित करते हैं।
डिजिटल भुगतान में यूपीआई शीर्ष स्थान पर है, 53 प्रतिशत उपभोक्ता ऑनलाइन खरीदारी के लिए यूपीआई का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं, 30 प्रतिशत उपभोक्ता डिजिटल वॉलेट और कार्ड (क्रेडिट, डेबिट और प्रीपेड) का इस्तेमाल करते हैं। ऑफलाइन खरीदारी में, कैश अभी भी शीर्ष पर है, 25 प्रतिशत उपभोक्ता यूपीआई को प्राथमिकता देते हैं और 20 प्रतिशत डिजिटल वॉलेट और कार्ड से भुगतान करते हैं। यह बहुआयामी डिजिटल भुगतान ईकोसिस्टम तेजी से आगे बढ़ने के लिए तैयार है, क्योंकि यह रिपोर्ट हितधारकों के लिए एक रोडमैप पेश करती है। तमाम जानकारियों के साथ, वे एक भविष्य के लिए जरूरी, समावेशी और अति-सुरक्षित डिजिटल भुगतान इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर सकते हैं, जो भारत की कैशलेस क्रांति को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
यह रिपोर्ट डिजिटल भुगतान उपयोग की डिग्री (डीडीपीयू) के बारे में बताती है, जो विभिन्न जनसांख्यिकीय समहों के बीच डिजिटल भुगतान को अपनाने की सीमा को मापने के लिए तैयार किया गया एक मेट्रिक है। डीडीपीयू तीन मूलभूत स्तंभों का उपयोग करके एक बहुआयामी दृष्टिकोण का उपयोग करता है: वॉल्यूम (डिजिटल लेनदेन की आवृत्ति), विविधता (श्रेणियों की विविधता जिसमें डिजिटल भुगतान तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है) और खुलापन (उभरती डिजिटल भुगतान विधियों के बारे में जानकारी और उन्हें अपनाने की क्षमता)।