देवरिया, उत्तर प्रदेश के देवरिया कलेक्ट्रेट में मंगलवार को कुछ घंटे के लिये जिलाधिकारी की कुर्सी पर युवा जिलाधिकारी को देख कर लोग अचरज में पड़ गये।
दरअसल, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत युवा छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिये जिलाधिकारी दिव्या मित्तल की पहल पर 12वीं की छात्रा खुशी त्रिपाठी कुछ घंटे के लिए प्रतीकात्मक डीएम बनी। कुछ ही समय के लिये मगर खुशी के चेहरे की चमक दर्शा रही थी कि जिलाधिकारी बन कर उन्हे कितनी खुशी प्राप्त हुयी है।
श्रीमती मित्तल ने कहा कि आज बेटियां सभी क्षेत्रों में देश का नाम रौशन कर रही हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत केंद्र एवं राज्य सरकार ने ऐसी कई योजनाएं संचालित की है, जिसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। लोगों की सोच बदली है और अब अधिकांश लोग बेटी पैदा होने पर भी खुशियां मनाते हैं।
उन्होंने कहा कि आज यहाँ पीएमश्री राजकीय इंटर कॉलेज में कक्षा 12 की छात्रा खुशी मणि त्रिपाठी को डीएम की कुर्सी पर बैठकर पदीय दायित्वों के निर्वहन करने का अवसर दिया। खुशी सहित कई बेटियां आसमान की ऊंचाइयों को छूने का अरमान रखती हैं प्रतीकात्मक रूप से डीएम बनने और पदीय दायित्वों के निर्वहन के तहत मिले अनुभव से खुशी को प्रेरणा मिलेगी और वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित होंगी।
इससे पूर्व खुशी मणि त्रिपाठी ने जनता दर्शन में जन-समस्याओं की सुनवाई करते हुए दो प्रकरणों का निस्तारण किया।
प्रतीकात्मक डीएम के तौर पर जिले की कमान संभालने वाली खुशी मणि त्रिपाठी ने कहा कि कुछ समय के लिए जिलाधिकारी बनकर वे सम्मानित व उल्लास महसूस कर रही है। उन्होंने बताया कि वे बड़ी होकर आईएएस अधिकारी बनना चाहती हैं। आज मिला अनुभव जीवन पर्यंत काम आएगा और हमेशा बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगा।
जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल सोनकर ने बताया कि शहर के रामनाथ देवरिया के शिवपुरम कॉलोनी निवासी हरे राम मणि त्रिपाठी एवं बीना त्रिपाठी के सुपुत्री खुशी मणि त्रिपाठी पीएमश्री राजकीय इंटर कॉलेज में कक्षा 12 की छात्रा है। वे कई वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं क्विज कांटेस्ट जीत चुकी हैं। पढ़ाई में मेधावी रही हैं और हाई स्कूल की परीक्षा में 92 प्रतिशत अंक प्राप्त किया था।
जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि खुशी मणि त्रिपाठी का चयन स्क्रिनिंग कमेटी ने कई छात्राओं का इंटरव्यू लेने का पश्चात किया गया था।