लखनऊ, राज्यसभा सभापति की मिमक्री को अशोभनीय बताते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 150 विपक्षी सांसदों का निलंबन लोगों के विश्वास को आघात पहुंचाने वाली घटना है।
मायावती ने गुरुवार को कहा कि संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों के रिकार्ड संख्या में लगभग 150 विपक्षी सांसदों का निलम्बन होना सरकार व विपक्ष के लिए भी कोई गुडवर्क व अच्छा कीर्तिमान नहीं है। इसके लिए कसूरवार चाहे कोई भी हो, लेकिन संसदीय इतिहास के लिए यह घटना अति-दुःखद, दुर्भाग्यपूर्ण व लोगों के विश्वास को आघात पहुँचाने वाला है।
उन्होने कहा कि इस दौरान, राज्यसभा सभापति का संसद परिसर में निलम्बित सांसदों द्वारा मज़ाक (मिमिक्री) उड़ाने का वीडियो वायरल होना भी अनुचित व अशोभनीय है। साथ ही विपक्ष-विहीन संसद में देश व आमजन के हित से जुड़े अति- महत्वपूर्ण विधेयकों का पारित होना भी यह अच्छी परम्परा नहीं है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि संसद की सुरक्षा में अभी हाल में जो सेंध लगाई गई है। यह ठीक नहीं है। बल्कि यह अति-गम्भीर एवं चिन्तनीय घटना है। इस मामले में सभी को मिलकर संसद की सुरक्षा की तरफ विशेष ध्यान देना चाहिये, एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना ठीक नहीं है। विपक्ष के गठबन्धन में बसपा समेत अन्य जो पार्टियाँ शामिल नहीं हैं उनके बारे में किसी को भी बेफिजूल कोई भी टीका-टिप्पणी करना उचित नहीं है, क्योंकि भविष्य में देश व जनहित में कब किसको, किसी की भी जरूरत पड़ जाये, यह कुछ भी कहा नहीं जा सकता है और तब उन्हें शर्मिन्दगी न उठानी पड़े। इस मामले में खासकर समाजवादी पार्टी इस बात का जीता-जागता उदाहरण भी है।
उन्होने कहा कि बसपा पूर्ण रूप से धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और यहाँ अपने देश में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोगों के अपने आस्था के अनेकों स्थल बने हैं, जिन सभी का हमारी पार्टी हमेशा सम्मान करती रही है और आगे भी करती रहेगी।
इसी क्रम मे अयोध्या में नव-निर्मित राम मन्दिर का जो अगले महीने उद्घाटन होने के लिए जा रहा है तो उसका हमारी पार्टी को कोई भी एतराज नहीं है। और यहाँ अयोध्या में कोर्ट के आदेश पर सरकार द्वारा निर्धारित की गई जमीन पर जब भी मस्जिद का निर्माण होता है तब उसके उद्घाटन का भी हमारी पार्टी कोई एतराज नहीं करेगी।