नई दिल्ली, सरकार ने आज राज्यसभा में कहा कि फोन टेपिंग के मामलों में सख्ती बरती जा रही है और इस संबंध में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार ने फोन टेप करने के लिए दिल्ली पुलिस, खुफिया ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय और राजस्व खुफिया ब्यूरो समेत केवल 11 एजेंसियों को अधिकृत किया गया है और यह फोन टेपिंग केवल राष्ट्रीय हित के संदर्भ में हो सकती है। उन्होंने बताया कि फोन टेप करने की अनुमति पुलिस के उच्च अधिकारी ही दे सकते हैं। फोन टेपिंग के मामलों में किसी भी विदेशी एजेंसी का हाथ होने की आशंका से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी कोई जानकारी सरकार के पास नहीं है। सदस्यों ने निजी स्तर पर फोन टेप होने और संबंधित टेपिंग उपकरण के संबंध में सवाल उठाते हुए कहा कि बाजार में ऐसा उपकरण मौजूद है जो एक-डेढ किलोमीटर के दायरे में सभी के फोन टेप कर सकता है। इसका निजी एजेंसियां इसका धडल्ले से इस्तेमाल कर रही है और इसके लिए एक हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक वसूल करी रही है। सदस्यों ने इजरायल से आने वाले इस उपकरण के आयात को प्रतिबंधित करने की मांग की। उन्होंने बताया कि पिछले कई फोन टेपिंग के मामलों में गिरफ्तारियां की गई है और मुकदमें चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस संबंध में सख्ती बरत रही है।