शिवुपरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि ढाई साल बाद चुनाव होने के बाद सरकार के बदलने पर ही संभवतः अच्छे दिन आएंगे। आज यहां संवाददाताओं से चर्चा में सिंधिया ने केन्द्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि केंद्र को कार्पोरेट जगत की, बड़े लोगों की चिंता है, आम आदमी और गरीबों से कोई मतलब नहीं है, महंगाई बढ़ी है, सीमा पर घुसपैठ हो रही है, असहिष्णुता का माहौल है, बेरोजगारी है, अच्छे दिन कहां है? उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि अब लगता है लगभग ढ़ाई साल बाद जब चुनाव होगें और सरकार बदलेगी, तभी अच्छे दिन आएंगे। कश्मीर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जब अलग-अलग सिद्धांतों वाले दो दलों, भाजपा और पी.डी.पी. का गठबंधन होता है तो अंदरूनी दूरी सामने आती ही है। मध्यप्रदेश सरकार पर लाखों का कर्ज होने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों द्वारा कर्ज लेना बुरी बात नहीं है, लेकिन तब, जब आप ऐसे साधन उस कर्ज से उपलब्ध करा रहे हैं, जो उपयोगी हैं और जिनमें पैसों की वापसी हो सकती हो, लेकिन कर्ज लेकर उसे केवल खर्च कर देना खतरनाक है। उन्होंने बसपा प्रमुख मायावती एवं भाजपा के पूर्व नेेता दयाशंकर सिंह संबधित विवाद पर कहा कि महिलाओं को हमारे समाज में देवी के समान माना जाता है, मायावती जी उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकीं हैं, उनके बारे में इस प्रकार की टिप्पणी किया जाना बहुत गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले में भाजपा केवल दयाशंकर सिंह को निष्कासित कर पल्ला झाड़ रही है। प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा शिवपुरी से भेदभाव किया जा रहा है। यहां पीने का पानी नहीं आ रहा, सडकें खुदी पड़ी हैं, मेडिकल कॉलेज, एन.टी.पी.सी. का इंजीनियरिंग कॉलेज स्वीकृति के बाद भी अटके पड़े हैं। यहां राजनीतिक द्वेष भावना से काम नहीं होने दिया जा रहा।