ढाका, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका में एक रेस्तरां में बंधक बनाए गए लोगों में से बीस लोगों के मारे जाने के शोक में दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हमले को गैर-इस्लामी बताते हुए, आतंकवादियों से सवाल किया कि इस तरह की बर्बरतापूर्ण गतिविधियों से उन्हें क्या फायदा होगा।
कल रात इस घटना में जापानी, दक्षिण कोरियाई और इटली तथा भारत की एक 19 वर्षीय युवती सहित 20 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गयी थी। बंधकों को छुड़ाने की कार्रवाई के दौरान दो पुलिस अधिकारी भी शहीद हो गए और अन्य पचास से अधिक लोग घायल हुए हैं।
आतंकी हमले को बर्बरता पूर्ण और गैर-इस्लामिक कार्रवाई बताते हुए शेख हसीना ने कहा कि उनकी सरकार आतंकवादियों की साजिश को विफल करने और बांग्लादेश में रह रहे लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश आर्थिक रूप से प्रगति कर रहा है, लेकिन आतंकी और विघटनकारी गतिविधियों के माध्यम से देश के विकास को रोकने की साजिश की जा रही है। रक्षा बलों की कमाण्डो कार्रवाई की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने तुरन्त निर्णायक कार्रवाई कर महिलाओं और बच्चों सहित 13 बंधकों का जीवन बचाया है। इस बीच, राजधानी ढाका शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। ब्रिटेन, अमरीका, फ्रांस और आस्ट्रेलिया सहित विदेशी दूतावासों ने अपने नागरिकों के लिए सुरक्षा चेतावनी जारी कर दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमले को बहुत दु:खद बताते हुए इस की कड़ी निंदा की है। अपने टवीट संदेशों में नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत संकट की इस घड़ी में बंगलादेश के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है। नरेन्द्र मोदी ने आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना व्यक्त की। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने टवीट संदेशों में भारतीय युवती की मृत्यु पर गहरा दु:ख व्यक्त किया। सुषमा स्वराज ने युवती के पिता से बात करके अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में देश उनके साथ है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले सभी नैतिक और मानवीय मूल्यों के खिलाफ हैं। मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए, श्रीमती गांधी ने कहा कि हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल सामूहिक और निर्णायक कार्रवाई की जानी चाहिए।