नई दिल्ली, चीन के पाकिस्तान प्रेम को लेकर रिश्तों में जारी खिंचाव के बीच भारत और चीन की सेना ने लद्दाख में संयुक्त सैन्य सहयोग अभ्यास किया। लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में समय-समय पर चीनी सैनिकों के सीमा का अतिक्रमण कर घुसपैठ करने से होने वाले तनाव को घटाने के लिहाज से भारत-चीन के सैनिकों के इस संयुक्त अभ्यास की काफी अहमियत है। भारत और चीन की सेना ने लद्दाख में इस सैन्य अभ्यास के दौरान आपदा की स्थितियों में बचाव और मानवीय सहायता से जुड़े पहलूओं को संयुक्त अभ्यास का हिस्सा बनाया। इस एक दिन के अभ्यास के दौरान सीमा पर स्थित गांवों को अभ्यास के लिए चिन्हित करते हुए दोनों देशों के सैनिकों ने राहत और बचाव से लेकर मेडिकल सहायता प्रदान करने की पूरी ड्रिल की।
भारत-चीन सहयोग 2016 के अंतर्गत दोनों देशों के सैनिकों के बीच यह दूसरा संयुक्त अभ्यास था। इससे पूर्व इसी साल 6 फरवरी को पूर्वी लद्दाख के चूसुल गैरिसन में हुआ था। लद्दाख और अरुणाचल से लगी सीमा पर दोनों देशों के बीच चीनी सैनिकों के सीमा के अतिक्रमण को लेकर तनाव गहराते रहे हैं। इस तनाव को रोकने के लिए ही दोनों देशों ने 2013 में सीमा रक्षा सहयोग का एक समझौता किया था। ताकि सीमा पर तनातनी के माहौल को घटाया जा सके। चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों का सैन्य सहयोग अभ्यास इसी का हिस्सा है। इस अभ्यास में भारतीय सेना की अगुवाई ब्रिगेडियर आरएस रमन और चीन की ओर से वरिष्ठ कर्नल फान जून ने अपनी-अपनी सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व किया। सेना मुख्यालय की ओर से इस अभ्यास को लेकर जारी बयान में इसे बेहद सफल अभ्यास बताया गया है। सेना के मुताबिक इस अभ्यास से आपदा की चुनौतियों से निपटने की क्षमता में इससे तो इजाफा हुआ ही है। साथ ही लद्दाख सीमा पर तैनात दोनों देशों की सेनाओं के बीच विश्र्वास का स्तर भी इससे बढ़ेगा।