नयी दिल्ली, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि भारत में तपेदिक का एक बड़ा बोझ है तथा इसे समाप्त करने की चुनौतियों पर विजय पाने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।
अनुप्रिया पटेल ने गुरुवार देर शाम यहां हरियाणा में तपेदिक उन्मूलन में निजी अस्पताल मेदांता के “मिशन टीबी फ्री” अभियान के 10 साल पूरे होने पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए कहा कि हरियाणा में तपेदिक के वर्ष 2024 में 54 हजार 107 तपेदिक रोगियों को अधिसूचित किया गया, जिसमें निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी 38 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि मेदांता ने इस क्षेत्र में विशेष भूमिका निभायी है। इसके अलावा राज्य सरकार, यूएसएआईडी और संपूर्ण चिकित्सा समुदाय ने सराहनीय काम किया है।
इस अवसर पर मेदांता के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. नरेश त्रेहान और हरियाणा के जन स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय में उप निदेशक – केंद्रीय तपेदिक विभाग उपस्थित रहे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह प्रयोग अब दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भी दोहारया जा रहा है। इसकी शुरुआत लखनऊ से हुई है, तथा राज्य के अन्य जिलों तक विस्तार करने की योजना है। राज्य के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में तपेदिक सेवाओं को और मजबूत किया जा रहा है। निजी क्षेत्र के सहयोग से निक्षय पोषण योजना जैसी प्रमुख पहलों को आगे बढ़ाया गया है और नैदानिक सुविधाओं का विस्तार किया है, जिससे टीबी की घटनाओं में 16 प्रतिशत की कमी आई है और टीबी से होने वाली मौतों में 18 प्रतिशत गिरावट देखी गयी है। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन का लक्ष्य केवल निरंतर सहयोग, अभिनव निदान और समुदाय-स्तरीय देखभाल से प्राप्त किया जा सकता है।
इस अवसर पर मेदांता ने मोटरबाईक-कंपैटिबल अल्ट्रापोर्टेबल एक्स-रे मशीन और मोबाईल वेन शुरु की, जिनसे इस कार्यक्रम को और ज्यादा वंचित समुदायों तक पहुँचाया जा सकेगा। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की संस्थाओं के साथ साझेदारी में मेदांता ने ‘आरोग्य कर्मी’ परियोजना भी शुरू की। इससे औद्योगिक कर्मियों के बीच टीबी और इसके साथ होने वाली अन्य समस्याओं जैसे फेफड़ों के रोग एवं गैर संचारी बीमारियों की जागरुकता, समय पर निदान और इलाज में सुधार होगा। पोर्टेबल एक्स-रे डिवाईस, एआई असिस्टेड डायग्नोस्टिक्स जैसी आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग जारी रहेगा।
मेदांता का ‘मिशन टीबी फ्री’ एक जनस्वास्थ्य अभियान है, जिसने हरियाणा और आस-पास के क्षेत्रों में क्षय रोग (टीबी) की पहचान और उसके इलाज में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया। एक दशक में, ‘मिशन टीबी फ्री’ के तहत क्षय रोग के लिए 10 लाख लोगों की जांच की गयी है और 80 हजार लोगों की छाती के एक्स-रे किए हैं तथा हरियाणा और सीमावर्ती राज्यों दिल्ली और उत्तर प्रदेश में टीबी के 10 हजार से अधिक मामलों का निदान किया है।
डॉ. त्रेहान ने कहा कि ‘मिशन टीबी फ्री’ अभियान देश को टीबी मुक्त बनाने में भारत के राष्ट्रीय उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।