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तमिलनाडु की खाद्य पदार्थो की दर शून्य रखने की मांग

नई दिल्ली,  तमिलनाडु ने शनिवार को अगले महीने लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर  के अंतर्गत सभी खाद्य पदार्थो पर कर की दर शून्य रखने की मांग की, चाहे वे ब्रांडेड खाद्य पदार्थ हों या गैर ब्रांडेड, साथ ही आम आदमी के हित में कुछ अन्य चीजों की दरों पर भी पुर्नविचार की मांग की। जीएसटी परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए राज्य के वित्त मंत्री जयकुमार ने कहा कि चावल, आटा और जौ जैसे अनाजों को परिषद ने सर्वसम्मति से छूट दी है।

हालांकि कंटेनरों में बेचे जाने वाले तथा पंजीकृत ब्रांड नाम वाले समान पदार्थो पर 5 फीसदी कर लगा दिया गया है। उन्होंने जोरदार आग्रह करते हुए कहा कि पहली दो श्रेणियों को पूरी तरह छूट दी जाए या कर दरों को 5 फीसदी से कम की जाए। उन्होंने कहा, हम दोहराना चाहेंगे कि सभी खाद्य पदार्थो पर चाहे वो ब्रांडेड हो या गैर ब्रांडेड उन पर शून्य कर लगनी चाहिए।

आटा, मैदा, बेसन और अन्य आटे को एक श्रेणी में रखना चाहिए। चाहे वह रिफिल कैन में बेची जाए या छोटी प्लास्टिक पाऊच में। इसे बोतलबंद पानी से अलग किया जाना चाहिए। क्योंकि इसका इस्तेमाल समाज के कम आय वाले वर्ग द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि पाल्मीरा गुड़ और पाल्मीरा चीनी कुटीर उद्योग के उत्पाद है। इनका अलग से जिक्र नहीं किया गया है, जिससे ये 18 फीसदी कर की श्रेणी में आ गए हैं। इनके साथ ही मसालों और अचार पर कर की दर 5 फीसदी होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि वेट ग्राइंडर जिनका 95 फीसदी निर्माण कोयंबटूर में छोटे और मध्यम उद्योंगो द्वारा किया जाता है। उन पर कर की दर 28 फीसदी रखी गई है, जिसे कम कर 18 फीसदी किया जाना चाहिए। जयाकुमार ने सोने के आभूषणों के बारे में कहा कि इनका हस्तनिर्मित और मशीन निर्मित दो श्रेणियों में वर्गीकरण किया जाना चाहिए। हस्तनिर्मित आभूषण पर कर की दर कम होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा तमिलनाडु में स्थानीय भाषाओं की फिल्मों को मनोरंजन कर से छूट दी गई है। सभी तरह की फिल्मों पर 28 फीसदी कर लगाने से उद्योग पर बुरा असर पड़ेगा।