बेंगलुरू, वीके शशिकला को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिए न्योता देने में हो रहे विलंब के बीच केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि राज्यपाल सी विद्यासागर राव पर निहित स्वार्थ से कार्य करने का आरोप नहीं लगाया जा सकता क्योंकि वह निष्पक्ष ढंग से अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता नायडू ने रविवार को यह बयान तब दिया जब उनसे पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में राजनीतिक अनिश्चितता के बारे में सवाल किया गया।
अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला इससे पहले सरकार बनाने के लिए न्योता मिलने में हो रहे विलंब को लेकर तमिलनाडु के राज्यपाल को पत्र लिख चुकी हैं। नायडू ने कहा, जब आप राज्यपाल को पत्र लिख रहे हैं, किसी को उन पर निहित स्वार्थ से कार्य करने का आरोप नहीं लगाना चाहिए। वह बहुत ही निष्पक्ष ढंग से व्यवहार कर रहे हैं और अपना कर्तव्य निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद कोई खाली नहीं है जिसे भरा जाना है क्योंकि पहले से ही एक सरकार है जिसका नेतृत्व एक मुख्यमंत्री कर रहे हैं। नायडू ने कहा, तथ्य यह है कि पनीरसेल्वम मैडम जयललिता के दौरान भी मुख्यमंत्री चुने गए थे। तत्पश्चात अन्नाद्रमुक नेताओं ने स्वयं उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। मैं उनका कोई पैरवीकार नहीं कि उनकी ओर से समझाउं। नायडू ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा के पास तमिलनाडु विधानसभा में कोई सदस्य नहीं है और पार्टी के लिए वहां सरकार बनाने की कोई संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, हम कोई आधार तैयार नहीं कर रहे हैं। यह उनका आंतरिक मामला है। अन्नाद्रमुक महासचिव और मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम दोनों बयान दे रहे हैं। नायडू ने इसके साथ ही दिवंगत जे जयललिता के पोएस गार्डेन आवास वेद निलायम को एक स्मारक में तब्दील करने के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के प्रस्ताव का स्वागत किया।