मुंबई, तर्कवादी नरेन्द्र दाभोलकर और कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की हत्या के मामले में आरोपी वीरेन्द्र तावड़े ने बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर महाराष्ट्र सरकार की तरफ से दायर याचिका में गवाह बनने की इच्छा जताई है। महाराष्ट्र सरकार ने याचिका दायर कर पानसरे सुनवाई मामले को स्थगित करने की मांग की है। पानसरे हत्या मामले की जांच कर रही राज्य सीआईडी ने इस वर्ष की शुरूआत में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर तब तक सुनवाई पर स्थगन लगाने की मांग की थी जब तक कि स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस की प्रयोगशाला से फोरेंसिक रिपोर्ट नहीं मिल जाती है।
रिपोर्ट पानसरे हत्या मामले में एक बुलेट और कुछ गोलियां बरामद करने से जुड़ी हुई है जिसे सीबीआई ने पिछले महीने फोरेंसिक जांच के लिए ब्रिटेन भेजा था। दाभोलकर मामले की जांच सीबीआई कर रही है। दक्षिणपंथी समूह सनातन संस्थान के कथित सदस्य तावड़े को इस वर्ष दस जून को सीबीआई ने दाभोलकर मामले में गिरफ्तार किया था और सीआईडी ने हाल में उसे पानसरे मामले में भी आरोपी बताया है। इसके बाद तावड़े ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सीआईडी याचिका में गवाह के तौर पर शामिल किए जाने की मांग की।
हाल में दायर याचिका में कहा गया है, अगर आवेदक को याचिका में गवाह के तौर पर शामिल नहीं किया जाता है तो याचिकाकर्ता के हितों को गंभीर और अपूरणीय क्षति होगी। फोरेंसिक रिपोर्ट के माध्यम से सीबीआई पता लगाना चाहती है कि क्या पानसरे, दाभोलकर और प्रोफेसर एम एम कलबुर्गी हत्या मामले में कोई संबंध है।