सेंचुरियन, बांग्लादेश ने दक्षिण अफ़्रीका को उसके घर में पटखनी दे दी है। अफ़्रीकी सरज़मीं पर बांग्लादेश ने तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला को 2-1 से अपने नाम कर लिया, जो कि साउथ अफ़्रीका में बांग्लादेश की पहली सीरीज़ जीत भी है। बांग्लादेश की इस ऐतिहासिक जीत में सबसे अहम योगदान तेज़ गेंदबाज़ तस्कीन अहमद का रहा, जिन्होंने निर्णायक मुक़ाबले में पांच विकेट लेकर अफ़्रीकी टीम को महज़ 154 रन के स्कोर पर रोक दिया।
तस्कीन के इस प्रदर्शन पर टीम के कप्तान तमीम इक़बाल ने ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए बताया कि तस्कीन को आईपीएल में न खेल पाने का मलाल ज़रूर था लेकिन उन्होंने लीग में खेलने के बनिस्बत अपने देश का प्रतिनिधित्व करने को अधिक तरजीह दी। तमीम ने कहा कि आईपीएल के क़रार को ठुकराना निश्चित तौर पर तस्कीन के लिये बड़ा फैसला था लेकिन दक्षिण अफ्रीका में सीरीज़ जीतना उससे बड़ी उपलब्धि है।
तमीम ने कहा, “देश का प्रतिनिधित्व करना सबसे प्रेरक होता है। आईपीएल में न खेलने का निर्णय लेना तस्कीन के लिये काफ़ी कठिन था। वह युवा हैं और इस अवसर को गंवाना नहीं चाहते थे। लेकिन तस्कीन इसको लेकर काफ़ी ख़ुश हैं कि वह अपने देश के लिये काफ़ी अच्छा कर रहे हैं।” तमीम ने आगे कहा कि प्रेज़ेंटेशन समारोह में जब तस्कीन को दोनों ट्रॉफ़ी मिली तब उन्होंने उनसे कहा कि यही उनका आईपीएल है, वास्तव में यह आईपीएल से भी बड़ा है।
तस्कीन ने उनके कथन पर अपनी सहमति प्रदान की। दरअसल तस्कीन को लखनऊ सुपरजायंट्स ने मार्क वुड के रिप्लेसमेंट के तौर पर अपने साथ जुड़ने का ऑफ़र दिया था, जिसे बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड और तस्कीन दोनों ने ही ठुकरा दिया। तमीम ने अफ़्रीकी सरज़मीं पर बांग्लादेश की जीत का श्रेय अपने तेज़ गेंदबाज़ों को दिया। उन्होंने कहा, “एक मज़बूत टीम के ख़िलाफ़ मिली यह सीरीज़ जीत हमारे टॉप तीन प्रदर्शनों में से एक है। तस्कीन को प्लेयर ऑफ़ द मैच व प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ का पुरस्कार मिलता देख मुझे गर्व की अनुभूति हो रही है। क्योंकि जब भी बांग्लादेश क्रिकेट टीम का ज़िक्र होता है, तब लेफ़्ट आर्म स्पिनर्स और ऑफ़ स्पिनर्स का ही उल्लेख किया जाता है। मैं काफ़ी समय से यह बात कह रहा हूं कि हमारे तेज़ गेंदबाज़ लगातार अविश्वसनीय प्रदर्शन दिखा रहे हैं। मुस्तफ़िज़ुर और शरीफ़ुल ने बेहद अहम योगदान दिया। विशेषकर मुस्तफ़िज़ुर ने टीम के लिये अधिक कठिन कार्य किया। क्योंकि वह शुरुआत में गेंदबाज़ी करने के साथ-साथ डेथ ओवरों में भी गेंदबाज़ी करते हैं, जोकि अधिक कठिन है।”
तमीम ने बताया कि दक्षिण अफ़्रीकी बल्लेबाज़ों को सस्ते में पवेलियन चलता करने के बाद उन्होंने अपने साथियों को यह साफ़ तौर पर कहा था कि उन्हें यह नहीं सोचना है कि उन्हें 155 रनों के लक्ष्य का पीछा करना है। बल्कि यह सोचकर बल्लेबाज़ी करनी होगी कि उन्हें 270-280 रनों का पीछा कर रहे हैं क्योंकि कभी-कभी छोटे लक्ष्य को भी हासिल करना काफ़ी मुश्किल सिद्ध होता है। दो शुरुआती झटके उन्हें कठिनाई में डाल सकते थे, इसलिये उन्हें सामान्य रूप से बल्लेबाज़ी करने के साथ ही आक्रामक क्रिकेट खेलना चाहते थे।
दक्षिण अफ़्रीकी पारी के दौरान टीम की रणनीति के बारे में बात करते हुए तमीम ने कहा, “हम लगातार यह चर्चा कर रहे थे कि हमें मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ देना है। जैसे ही हमने शुरुआत में ही दो विकेट हासिल कर लिये उसके बाद मैंने विपक्षी बल्लेबाज़ों पर आक्रमण को और तेज़ करने का निर्देश दिया। अतीत में कई अवसरों पर अच्छी शुरुआत मिलने के बावजूद हम उसे भुनाने में नाक़ामयाब रहे थे। शुरुआती विकेट मिलने के बाद हम साझेदारियों को पनपने देने से रोकने में कई मौक़ों पर असफल रहे, लेकिन आज हमारे ज़हन में यह बात अच्छी तरह से क़ैद थी कि कुछ भी हो हमें सिर्फ़ आक्रामक क्रिकेट खेलनी है। मैंने गेंदबाज़ी के दौरान तस्कीन से भी यही कहा था कि वे जितनी तेज़ हो सके उतनी तेज़ गेंदबाज़ी करने और विकेट निकालने का प्रयास करें।”