लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार तीन तलाक के मुददे पर मुस्लिम महिलाओं की राय के आधार पर उच्चतम न्यायालय में उनका पक्ष रखेगी। प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, हमारा संविधान भी नागरिकों को समान अधिकार देता है। तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के लिए कष्टप्रद है। उत्तर प्रदेश सरकार मुस्लिम महिलाओं की राय के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय में उनका पक्ष रखेगी।
उन्होंने कहा कि महिला किसी भी जाति-धर्म की हो शिक्षा, सुरक्षा और सामाजिक बराबरी उसकी आवश्यकता ही नहीं, उसका अधिकार भी है। समाज की सभी पीड़ित महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार रानी लक्ष्मीबाई सम्मान कोष का दायरा बढ़ाने पर विचार करेगी। रीता बुधवार को महिलाओं की सुरक्षा के अन्तर्गत तीन तलाक के संबंध में मुस्लिम महिलाओं की राय प्राप्त किये जाने की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श हेतु आयोजित बैठक में बोल रही थीं।
उन्होंने कहा कि कई देशों में मुस्लिम समाज में तीन तलाक की यह प्रक्रिया नहीं है। उन्होंने कहा, भारत में सर्वोच्च न्यायालय में इस पर विचार हो रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार मुस्लिम महिलाओं की राय के आधार पर उनका पक्ष सर्वोच्च न्यायालय में रखेगी। अवांछित रूप से दिया गया तलाक किसी भी धर्म-समुदाय की महिला के लिए पीड़ादायक है। रीता ने कहा, तलाक के कारण महिलाओं के सामने स्वयं के भरण-पोषण, बच्चों के लालन-पालन, शिक्षा-दीक्षा आदि की समस्यायें खड़ी हो जाती हैं। महिलाएं बेसहारा की स्थिति में भी आ जाती हैं। तीन तलाक की पीड़ा को झेल रहीं मुस्लिम महिलाएं आज खुलकर इस दर्द को बयान कर रही हैं।