Breaking News

तैयार हो जाउये जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर देने के लिये

gstनई दिल्ली,  देश में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था लागू होने के बाद राज्यों को केन्द्र से हर तिमाही राजस्व नुकसान की फौरी तौर पर भरपाई की जायेगी। इस संबंध में अंतिम आंकड़े खातों की लेखापरीक्षा के बाद ही तय किये जायेंगे। जीएसटी व्यवस्था में राज्यों को उनके राजस्व नुकसान की भरपाई के लिये उपकर लगाया जायेगा। इस उपकर को जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर नाम दिया गया है जिसे भोग विलासिता और तंबाकू जैसे उत्पादों पर लगाया जायेगा। यह उपकर जीएसटी लागू होने के पहले पांच साल तक जारी रहेगा। उपकर से मिलने वाली राशि जीएसटी क्षतिपूर्ति कोष में रखी जायेगा और पांच साल की समाप्ति पर इस कोष में यदि कुछ राशि बचती है तो उसे केन्द्र और राज्यों के बीच विभाजित कर दिया जायेगा। जीएसटी मुआवजा विधेयक के मसौदे में इसका प्रावधान किया गया है।

केन्द्र ने इस मसौदे को आज सार्वजनिक कर दिया। इसमें कहा गया है कि पांच साल के बाद कोष में शेष राशि के 50 प्रतिशत को भारत की संचित निधि में डाल दिया जायेगा और यह समेकित कोष का हिस्सा होगी। कानून के तहत इस राशि को निर्धारित अनुपात में केन्द्र और राज्यों में विभाजित कर दिया जायेगा। शेष 50 प्रतिशत राशि को राज्यों के बीच उनके कुल राजस्व के अनुपात में बांटा जायेगा। राज्यों के राजस्व अनुपात का निर्धारण जीएसटी व्यवस्था के तहत आखिरी वर्ष में उन्हें प्राप्त राजस्व के आधार पर तय किया जायेगा। राज्यों के किसी एक वर्ष में की गई क्षतिपूर्ति यदि लेखापरीक्षा के बाद सामने आये आंकड़ों की तुलना में अधिक निकलती है तो ऐसी अतिरिक्त राशि को अगले वित्त वर्ष की क्षतिपूर्ति में समायोजित कर दिया जायेगा। किसी राज्य के राजस्व नुकसान का आकलन उस राज्य को वर्ष 2015-16 के दौरान पुरानी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के तहत प्राप्त राजस्व आय के आधार पर किया जायेगा। इसमें 14 प्रतिशत राजस्व वृद्धि जोड़कर जीएसटी व्यवस्था के तहत प्राप्त राजस्व आय से तुलना करने पर यदि कमी रहती है तो उसके अंतर को ही राज्य का राजस्व नुकसान माना जायेगा। केन्द्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी विधेयकों के मसौदे पर वित्त मंत्री अरण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद में विचार किया जायेगा। परिषद की बैठक 2-3 दिसंबर को होनी है। जीएसटी परिषद इससे पहले हुई बैठक में नई व्यवस्था के तहत 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार स्तरीय कर ढांचे का फैसला कर चुकी है। इसमें अनाज और खाद्यान्न को शून्य कर वर्ग में रखा गया है जबकि विलासित और तंबाकू जैसे उत्पादों को सबसे ऊंचे कर वर्ग में रखा गया है जिस पर उपकर भी लगेगा। इस उपकर से 50,000 करोड़ रुपये का क्षतिपूर्ति कोष बनाया जायेगा ताकि राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई की जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *