मुंबई, बीएमसी कर्मचारियों के एक समूह ने जेट एयरवेज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। कर्मचारियों का आरोप है कि उनके पास टिकट होने के बावजूद भी विमान कंपनी ने उन्हें दिल्ली-मुंबई की उड़ान के लिए बोर्डिंग पास से इंकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने जेट एयरवेज के खिलाफ धोखाधड़ी का एक आपराधिक मामला दायर किया है। सात परिवारों का आरोप है कि उन्होंने जीवन में पहली बार फ्लाइट की यात्रा करने के लिए पैसे बचाए थे लेकिन
धोखाधड़ी और गलत तरीके से एयरलाइन के स्टॉफ ने उनके नंबर वाले पास किसी और को भी जारी कर दिए , जो उनसे लेट आए थे। 35 समूहों के सदस्यों में 32 लोगों की पिछले महीने फ्लाइट छूट गयी, जिसके बाद पुलिस ने 24 दिसंबर, 2016 को भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420, 507 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। हालांकि जेट एयरवेज ने एफआईआर में लगाए गए आरोपों से इन्कार किया है। अब पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। इस जांच में यात्रियों की फोन लोकेशन, एयरपोर्ट की सीसीटीवी फूटेज और अन्य पहलुओं की जांच कर रही है।
पुलिस में दर्ज की गयी एफआईआर के मुताबिक 35 सदस्यों के ग्रुप ने पिछले साल 13 नवंबर को 10.45 बजे दिल्ली-मुंबई जेट फ्लाइट 9ॅ358 में बुकिंग कराई थी। एफआईआर में कहा गया है, हम 9.52 बजे जेट काउंटर पर पहुंच गए थे, लेकिन जेट एयरवेज के कर्मचारी बोले कि हम लेट हो गए हैं और हमें बोर्डिंग पास देने से इन्कार कर दिया। काफी बहस के बाद जेट एयरवेज कर्मचारियों ने चिल्लाकर कहा कि टिकट पर आरटी (रिपोर्टिंग टाइम) 9.57 लिखा है। इस बीच लाइन में लगे दूसरे यात्रियों को उसी फ्लाइट के लिए बोर्डिंग पास दिए गए। बता दें कि 35 लोगों के टिकट 8 पीएनआर में बंटे हुए थे और तीन टिकटों में त्ज् 9.57 लिखा हुआ था।
ग्रुप लीडर जयंती राठौड़ ने इन्हीं टिकटों को काउंटर में दिया गया था। अंग्रेजी अखबार टीओआई से बात करते हुए राठौड़ ने बताया, जब हमने देखा कि लाइन में लगे बाकी लोगों को टिकट दिए जा रहे हैं, तो मैंने 10.17 बजे बाकियों में टिकट बांट दिए। इनमें से हमारे ग्रुप के तीन लोगों को बोर्डिंग पास मिल भी गए। शायद उन्हें पता नहीं था कि वे हमारे ग्रुप के थे। हमारे ही ग्रुप के चार अन्य यात्रियों के पास भी समान पीएनआर नंबर था, उन्हें फ्लाइट में नहीं चढ़ने दिया गया।
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि जेट स्टॉफ ने उसी फ्लाइट में उड़ान भरने के लिए ग्रुप से नए टिकट खरीदने को कहा और एक टिकट की कीमत 27,300 रुपये थी। राठौड़ ने कहा, 4 महीने पहले हमने प्रत्येक टिकट 4800 रुपये में खरीदा था। जेट ने हमें बोर्डिंग पास नहीं दिए और अंतिम समय में टिकट खरीदने वालों को वही टिकट ऊंचे दाम पर बेच दिए, जिन्हें 10.20 बजे के करीब बोर्डिंग पास दिया गया।
हम एयरलाइन के खिलाफ एक्शन चाहते हैं, इसलिए हमने उपभोक्ता फोरम में जाने की बजाय पुलिस से संपर्क किया। 32 सदस्यों वाले ग्रुप ने नोटबंदी के बाद प्रतिबंधित करेंसी से शाम की फ्लाइट के नए टिकट 3.16 लाख में खरीदे थे। मुंबई आने के बाद राठौड़ ने पुलिस को अपनी शिकायत भेजी और एक महीने बाद यात्रियों के बयान दर्ज किए गए। वहीं जेट एयरवेज का कहना है कि 35 सदस्यों वाले ग्रुप के 32 यात्रियों को इसलिए पास नहीं दिया गया क्योंकि वे काउंटर पर समय से नहीं पहुंच पाए।