त्योहार लाखों गरीबों की आजीविका के स्रोत भी हैं- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
July 30, 2017
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत के असंख्य त्योहार सिर्फ मनोरंजन का एक माध्यम नहीं हैं, बल्कि लाखों गरीबों की आजीविका के स्रोत भी हैं। रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि इन त्योहारों के उत्सव के साथ सामाजिक अर्थशास्त्र का एक तत्व भी संलग्न है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ के दौरान कहा, हमारे त्योहार मनोरंजन का सिर्फ एक माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक सुधार का एक अभियान भी है। हमारे सभी त्योहार गरीब लोगों के आर्थिक जीवन से जुड़े हुए हैं। उन्होंने रक्षाबंधन और दीपावली समेत आने वाले त्योहारों पर बात करते हुए कहा, ऐसे उत्सव गरीबों को आजीविका अर्जित करने का अवसर प्रदान करते हैं।
मोदी ने कहा, यह त्योहार समाज से व्यक्ति को जोड़ता है..जहां तक अर्थव्यवस्था का संबंध है, राखी के त्योहार के कुछ महीनों पहले ही सैकड़ों परिवारों में छोटे-छोटे इकाइयों में राखी बनाने का काम शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा, हलवाई से लेकर राखी निर्माता तक हर कोई इन त्योहारों के उत्सव के साथ आर्थिक रूप से लाभ उठाता है। गणेशोत्सव के त्योहार को याद करते हुए मोदी ने लोगों से अनुरोध किया कि वह इस त्योहार पर पर्यावरण अनुकूल गणेश की मूर्तियां अपने घर लाएं।
उन्होंने कहा, लोकमान्य तिलक ने सार्वजनिक गणेशोत्सव की शुरुआत एकता की भावना पैदा करने, समाज में जागरूकता बढ़ाने और एकता की संस्कृति को बढ़ावा देने के मूल उद्देश्य से की थी। इसलिए इस साल हमें फिर से गणेश त्योहार के दौरान निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन, खुली बातचीत और लोकमान्य तिलक के योगदान को याद करना चाहिए।