लंदन, इंग्लैंड क्रिकेट में गुरूवार को नये युग की शुरुआत होगी जब जो रूट लार्डस में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में मेजबान टीम की अगुआई करेंगे। टीम में सलामी बल्लेबाज के रूप में शामिल एलिस्टेयर कुक के कप्तानी छोड़ने के बाद रूट को फरवरी में कप्तान बनाया गया था और कप्तान बदलने के बाद टीम पहली बार टेस्ट क्रिकेट खेलेगी। इंग्लैंड को उम्मीद है कि आस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ और भारत के विराट कोहली की तरह कप्तानी यार्कशर के इस 26 वर्षीय बल्लेबाज को भी नयी ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
रूट के सामने सबसे बड़ी चुनौती 2016 में मिली आठ टेस्ट हार से टीम को उबारा होगा जिसमें भारत में 0-4 की शिकस्त भी शामिल है। यार्कशर के लिए ढेरों रन बनाने वाले रूट के काउंटी साथी गैरी बैलेंस की टीम में वापसी हुई है। कीटन जेनिंग्स का जन्म दक्षिण अफ्रीका में हुआ और अब वह इसी देश के खिलाफ कुक के साथ पारी का आगाज करने को तैयार हैं। जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्राड की तेज गेंदबाजी जोड़ी इंग्लैंड के आक्रमण की शुरुआत को तैयार है जबकि मार्क वुड उनका साथ देंगे।
इंग्लैंड को फैसला करना होगा कि वे तेज गेंदबाज टोबी रोलैंड जोन्स को पदार्पण का मौका देते हैं या बायें हाथ के स्पिनर लियाम डासन अपने घरेलू मैदान पर पहली बार खेलते हुए नजर आएंगे। दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीका ने पिछले 10 साल में विदेशी सरजमीं पर सिर्फ एक टेस्ट श्रृंखला गंवाई है। नियमित कप्तान फाफ डु प्लेसिस स्वदेश में अपने पहले बच्चे के जन्म के कारण पहले टेस्ट में नहीं खेलेंगे जिसके कारण डीन एल्गर टीम की अगुआई करेंगे।
दक्षिण अफ्रीका का मौजूदा दौरा निरशाजनक रहा और उसने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी20 श्रृंखला गंवाई जबकि चैंपियंस ट्राफी के पहले दौर में ही बाहर हो गई। चोटिल तेज गेंदबाज डेल स्टेन की गैरमौजूदगी के बावजूद मेहमान टीम के पास मोर्ने मोर्कल और वर्नन फिलेंडर के रूप में उम्दा गेंदबाज हैं। कागिसो रबादा भी बेहतरीन गेंदबाज के रूप में उभर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका ने सलामी बल्लेबाज हेइनो कुहन को पदार्पण कराने की तैयारी कर ली है।