लखनऊ, दलितों और पिछड़ों को उनका संवैधानिक हक ना देने पर आमादा राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ बसपा को केन्द्र और राज्यों में एक राजनीतिक ताकत बनना होगा। यह विचार बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयन्ती मौके पर लखनऊ मे आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये।
मायावती ने कहा कि दूसरी पार्टियां आपको आपका पूरा संवैधानिक हक देने को तैयार नहीं हैं। अगर आप देश भर में अपनी सभी समस्याएं हल करना चाहते हैं तो आपको केन्द्र और राज्यों में राजनीतिक शक्ति बनना होगा। प्रदेश में वर्ष 2007 की तरह फिर से पूर्ण बहुमत की सरकार बनानी होगी।
बसपा के गठन के बाद से कांग्रेस और भाजपा जैसे दल अम्बेडकर जयन्ती मनाने के नाम पर किस्म-किस्म की ‘नाटकबाजी’ कर रहे हैं। इस बार यह नाटकबाजी कुछ ज्यादा दिख रही है। यह सब आगामी विधानसभा चुनाव में दलितों और अम्बेडकर के अनुयायियों के वोट लेने की कवायद है। उन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस दावे पर भी सवाल खड़ा किया कि उनके रहते आरक्षण व्यवस्था से कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि मोदी पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान किये गये बड़े-बड़े वादों से जिस तरह पीछे हटे हैं, ऐसे में उनकी बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता। मायावती ने कहा कि अगर मोदी आरक्षण को लेकर इतना ही संजीदा हैं तो समय-समय पर संघ और भाजपा के नेता तथा मंत्री जो विवादास्पद बयान देते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करते हैं। मोदी खुद को अम्बेडकरवादी कहते हैं, मगर वह उन जगजीवन राम की भी जयन्ती मनाने जा रहे हैं, जिन्हें कांग्रेस ने अम्बेडकर के खिलाफ खड़ा किया था।
मायावती ने भगवा दल भाजपा के ‘दलित प्रेम’ पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि यह पार्टी किसी दलित को प्रधानमंत्री या अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दे तो भी वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हाथ की कठपुतली ही होगा। बसपा प्रमुख ने कहा कि अन्य पार्टियों के नेताओं के बरक्स बसपा के खराब दौर में भी उन्होंने गिरगिट की तरह रंग नहीं बदला। आज अम्बडेकर की 125वीं जयन्ती है। इस मौके पर उनके जीवन संघर्ष से प्रेरणा लेकर उनके बताये रास्ते पर चलकर सभी समस्याएं हल करनी हैं।