नई दिल्ली, संसद के दोनों सदनों में एक बार फिर दलितों पर अत्याचार का मुद्दाउठा. प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि यह गंभीर मसला है और इस मुद्दे पर सदन में नियम-193 के तहत चर्चा होनी चाहिए. बाद में आम सहमति से तय हुआ कि गुरुवार को लोकसभा में इस मुद्दे पर चर्चा होगी.
राज्यसभा में भी बीएसपी प्रमुख मायावती ने दलितों पर अत्याचार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बाहर तो बयान देते रहते हैं, लेकिन सदन में आकर दलितों के मुद्दे पर नहीं बोलते. मायावती ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री का संसद के बाहर दलितों के मुद्दे पर बोलना उनका ‘एक शरारत पूर्ण कदम’ है.मायावती ने इस दौरान कांग्रेस पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस अब सदन में चर्चा की मांग कर रही है. लेकिन कांग्रेसी तब कहां थे जब गुजरात के ऊना का मामला सिर्फ बीएसपी उठा रही थी.’
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी मल्लिकार्जुन खड़गे की बात पर सहमति जताई. उन्होंने कहा, ‘मुझे इस मुद्दे पर चर्चा करवाने में कोई एतराज नहीं है. सांसद मिल कर तय कर लें कि कब चर्चा करवाएं.सरकार ने भी माना कि दलितों पर अत्याचार का मामला गंभीर है.