भारत मे दलितों पर बढ़ रहे जातीय हमलों और हरियाणा मे दलित बच्चों को जिंदा जलाये जाने के विरोध मे अम्बेदकर महासभा के नेतृत्व मे कई सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों ने आज लखनऊ मे विरोध प्रदर्षन किया। लोगों ने अम्बेडकर महासभा से हजरतगंज स्थित अम्बेडकर प्रतिमा तक मार्च किया और हजरतगंज मे सभा करके केन्द्रीय मंत्री वी0 के0 सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर गिरफतार करने की मांग की। सभा को संबोधित करते हुये कम्युनिस्ट पार्टी के राप्अीय सचिव और पूर्व सांसद विष्वनाथ षास्त्री ने इसे देष के समक्ष एक गंभीर खतरा बताते हुये, दलितों, पिछड़ों और मुस्लिमों से एक जुट होकर लड़ने की अपील की। अम्बेडकर महासभा के अध्यक्ष लाल जी प्रसाद निर्मल ने कहा कि केन्द्र मे भाजपा के आते ही पूरे देष मे दलित उत्पीड़न की बाढ़ सी आ गई है और हरियाणा दलित उत्पीड़न का केन्द्र हो गया है। भारत सरकार मे सचिव रहे पूर्व आईएएस अधिकारी ने दलितों की वर्तमान बदहाली के लिये दलित नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया। एपवा की राप्टीय अध्यक्ष ताहिरा हसन ने दलित उत्पीड़न की घटना पर दुःख व्यक्त करते हुये कहा कि दलितों और मुसलमानो को मिलकर ये लड़ाई लड़नी होगी। भागीदारी आंदोलन के संयोजक पीसी कुरील ने कहा कि इस बात की जांच की जानी चाहिये कि भाजपा के केन्द्र मे आने के बाद अचानक दलितों पर अत्याचार की घटनायें क्यों बढ़ गई हैं। पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष वीरु मौर्या ने कहा कि ये बाबा साहेब के दिखाये रास्ते पर चलकर दलितों और पिछड़ो को मिलकर जातिवादी और साम्प्रदायिक षक्तियो से लड़ना होगा। प्रख्यात रंगकर्मी ष्यामकुमार ने दलितों से एकजुट होकर सघर्प करने की अपील की। प्रदर्षन मे महिलाओं और बच्चों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।
सभा को पूर्व मंत्री राजबहादुर, पूर्व आईपीएस रामलाल राम, सेठ सुलेमान, वी के सिंह यादव, एच एल दुसाध, सपा कोपाध्यक्ष सोनम ने भी संबोधित किया।