कौशांबी, उत्तर प्रदेश में कौशांबी जिले की विशेष अदालत ने 13 वर्ष पूर्व एक दलित युवक की पिटाई के मामले में पांच आरोपियों को आजीवन कारावास और दस . दस हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अभियोजन के अनुसार कौशांबी कोतवाली क्षेत्र के झरिया का पूरा बेरौछा गांव में चार मई 2005 को मोतीलाल बाग में महुआ बिन रहा थाए इस दौरान गांव के लालता तिवारी के बैल महुआ खाने लगे। यह देख मोतीलाल की पत्नी बदामा ने बैलों को खदेड़ दिया। इसी बात से नाराज लालता ने परिजनो की मदद से मोतीलाल की पिटाई कर दी।
इस मामले में पुलिस ने सभी पांच आरोपियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना शुरू की और आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। एससी एसटी अधिनियम की विशेष अदालत के जज अनुपम कुमार ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने एवं पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर सभी आरोपियों को घटना का दोषी पाया और गुरूवार को आजीवन कारावास की सजा के साथ दस .10000 जुर्माने की सजा सुनाई।