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दलित विरोधी हिंसा पर बोलने से रोकने पर, मायावती ने राज्यसभा से दिया इस्तीफा

नई दिल्ली, बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने दलितों की बात सदन मे रखे जाने से रोकने पर राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है. मायावती ने राज्य सभा सभापति और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को तीन पन्नों का इस्तीफा सौंप दिया. हालांकि अभी तक इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है. मायावती का कार्यकाल दो अप्रैल 2018 को पूरा होगा.

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इस्तीफा देने के बाद मायावती ने पत्रकारों को बताया कि जब सत्‍ता पक्ष मुझे अपनी बात रखने का भी समय नहीं दे रहा है तो मेरा इस्‍तीफा देना ही ठीक है.उन्होने कहा कि  जब वे कमजोर तबके और जिस समाज से वह आती हैं उसकी बात भी सदन में नहीं रख पाएंगी तो फिर उनका यहां रहने का क्या मतलब. उन्होंने दलितों की उपेक्षा होने का आरोप लगाया. मायावती ने कहा कि विपक्ष के कई सांसदों ने उन्‍हें इस्तीफा नहीं देने को कहा लेकिन वह अपने फैसले से पीछे नहीं हट सकतीं हैं.

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इससे पहले आज मानसून सत्र के दूसरे दिन  मायावती ने सहारनपुर में हुये जातीय दंगों मे दलितों पर किये जा रहे अत्याचार पर राज्यसभा में तीखी प्रतिक्रिया दी. सदन की कार्यवाही के दौरान जब उपसभापति ने कहा कि उन्हें केवल मुद्दा उठाने का समय मिला है वे भाषण नहीं दें. बाकी लोगों को भी बोलना है. इस पर मायावती भड़क गईं. उन्होंने  सदन मे कहा कि  मेरी बात नहीं सुनी जा रही है, मैं आज इस्तीफा दे दूंगी.

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