‘दलित’ शब्द के प्रयोग पर, हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जानिये इसके स्थान पर नया शब्द..
January 23, 2018
जबलपुर, हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका को लेकर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि दलित शब्द के प्रयोग पर रोक लगाई जाए. संविधान मे इस वर्ग से आने वाले लोगों को अनुसूचित जाति और जनजाति के रूप में संबोधित किया गया है.
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने एक जनहित याचिका को लेकर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि किसी भी सरकारी दस्तावेज या अन्य किसी जगह पर ‘दलित’ शब्द का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए. याचिकाकर्ता डॉ. मोहन लाल माहौर ने याचिका में कहा कि संविधान में दलित शब्द का कोई जिक्र नहीं हैं.
हाईकोर्ट ने दलित शब्द का इस्तेमाल किसी भी सरकारी और गैर सरकारी विभागों में किए जाने पर रोक लगाने को कहा है. साथ ही कहा है कि इसके लिए अब संविधान में बताए शब्द ही इस्तेमाल में लाए जाने चाहिए.संविधान में इस शब्द (दलित) का कोई उल्लेख नहीं है. संविधान मे इस वर्ग से आने वाले लोगों को अनुसूचित जाति और जनजाति के रूप में संबोधित किया गया है.
हाईकोर्ट ने जारी किए आदेश मे कहा है कि दलित शब्द का इस्तेमाल किसी भी सरकारी और गैर सरकारी विभागों में नहीं किया जाए. यह आदेश पूरे मध्य प्रदेश में लागू होगा. 2008 में नेशनल एससी कमीशन ने सारे राज्यों को निर्देश दिया था कि राज्य अपने आधिकारिक दस्तावेजों में दलित शब्द का इस्तेमाल न करें.