दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की मौत को लेकर दिल्ली और मुंबई सहित देश के कई दूसरे शहरों में भी विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। छात्रों मे विशेष तौर पर इसको लेकर आक्रोश देखने को मिला। इस घटना को ‘संस्थागत हत्या’ करार देते हुए कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
टीआरएस सांसद के कविता की अगुवाई वाले सांस्कृतिक संगठन ‘तेलंगाना जागृति यूथ फ्रंट’ (टीजेवाईएफ) के कार्यकर्ताओं ने हैदराबाद के रामनगर इलाके में केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के घर के बाहर प्रदर्शन किया और यह दावा किया कि पीएचडी के छात्र रोहित की मौत के लिए दत्तात्रेय ही जिम्मेदार हैं। हाथों में तख्तियां लिए हुए प्रदर्शनकारियों ने मंत्री से तत्काल इस्तीफे की मांग की।केंद्रीय मंत्री के घर के निकट धरना दे रहे, 37 प्रदर्शनकारियों को ऐहतियातन हिरासत में लिया गया है। विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। छात्रों की मांग की है कि दत्तात्रेय, भाजपा विधान परिषद सदस्य रामचंदर राव, विश्वविद्यालय के कुलपति पी अप्पा राव और एबीवीपी के दो नेताओं को जेल भेजा जाए।
दिल्ली में आप और कांग्रेस सहित कई पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने स्मृति और दत्तात्रेय के इस्तीफे की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।
तेलंगाना भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश रेड्डी को उस वक्त आंदोलनकारी छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा जब वह एक टीवी बहस में शामिल होने के बाद परिसर से बाहर निकल रहे थे। कई छात्र रेड्डी की कार की ओर भागे और दत्तात्रेय तथा मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी एवं भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान रेड्डी की कार का शीशा टूट गया।
पुणे में एफटीआईआई के छात्रों ने भी रोहित की मौत का विरोध करते हुए और हैदराबाद के प्रदर्शनकारी छात्रों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए एक दिन की भूख हड़ताल की।
चेन्नई में भी विरोध प्रदर्शन किए गए। तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुसूचित जाति शाखा के कार्यकर्तओं ने यहां के शास्त्री भवन की ओर बढ़ने का प्रयास किया जहां केंद्र सरकार के दफ्तर हैं। करीब 65 कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया। गांधीनगर में गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के करीब 50 दलित छात्रों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। देश के कई दूसरे स्थानों पर भी प्रदर्शन हुए हैं।