लखनऊ, आरक्षण विरोधी संगठनों द्वारा की जा रही साजिश से यूपी मे दलित शिक्षकों को गलत तरीके से रिवर्ट किया जा रहा है।रायबरेली में रिवर्ट की गयी एक शिक्षिका वर्तमान में समाजवादी पार्टी के एक विधायक की पत्नी है। निदेशक, बेसिक शिक्षा द्वारा अनेकों बार वार्ता के बाद यह आश्वासन दिया गया था कि किसी भी दलित शिक्षक का गलत रिवर्शन किसी के दबाव में नहीं होगा। इसके बावजूद भी वादा खिलाफी करते हुए रायबरेली में 407 दलित शिक्षकों को एक आरक्षण विरोधी संगठन के दबाव में गलत तरीके से रिवर्ट कर दिया गया, जिससे पूरे प्रदेश के लगभग 2 लाख दलित शिक्षक व लाखों आरक्षण समर्थक आन्दोलित हैं। संघर्ष समिति की बैठक में प्रदेश के सभी दलित शिक्षकों को यह निर्देश दिये गये हैं कि वह पूरी तरह तैयार रहें। दलित उत्पीड़न न रूका तो हड़ताल पर भी जाना पड़ सकता है।
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में 50 हजार दलित शिक्षकों को गलत तरीके से रिवर्ट कराने के लिए आरक्षण विरोधी संगठनों द्वारा की जा रही साजिश व रायबरेली में लगभग 407 दलित शिक्षकों को रिवर्ट किये जाने के विरोध में कल दिनांक 23 मई को प्रातः 10 बजे निदेशक, बेसिक शिक्षा कार्यालय निशातगंज में डेरा डालो घेरा डालो के तहत विशाल धरना प्रदर्शन किया जायेगा, जिसमें पूरे प्रदेश भर से सभी जनपदों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजकों अवधेश कुमार वर्मा, इं0 के0बी0 राम, आर0पी0 केन, इं0 अजय कुमार, अन्जनी कुमार, पी0एम0 प्रभाकर, रीना रजक, अशोक सोनकर, अजय कुमार, सुशील कुमार, चमन लाल भारती, बनी सिंह, कृपा शंकर, आदर्श कौशल, दिग्विजय सिंह, जितेन्द्र कुमार, अंजली गौतम, प्रभू शंकर राव, राजेश पासवान, अमित कुमार, श्रीनिवास राव, प्रतोष कुमार ने कहा कि पूरे उप्र में दलित शिक्षकों का उत्पीड़न करने के लिए जिस प्रकार से बैकलाग पदोन्नति पाये शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट आदेश की आड़ में रिवर्ट किया जा रहा है, वह बहुत ही निन्दनीय है। कल के विशाल प्रदर्शन में आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया जायेगा, जिससे भविष्य में दलित कार्मिकों का उत्पीड़न बन्द हो सके।